भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने वयस्कों में बूस्टर खुराक के रूप में कोविड-19 टीके ‘कोवोवैक्स' को लगाने के लिए तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण की बुधवार को अनुमति दे दी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने पांच मार्च को उन लोगों को बूस्टर खुराक के तौर पर ‘कोवोवैक्स' लगाने के लिए क्लिनिकल परीक्षण की सिफारिश की थी जिन्होंने कम से कम तीन महीने पहले ‘कोवैक्सीन' या ‘कोवीशील्ड' टीका लगवाया है.
डीसीजीआई ने पिछले साल 28 दिसंबर को ‘कोवोवैक्स' को वयस्कों में आपात स्थिति में सीमित इस्तेमाल के लिए स्वीकृति प्रदान की थी और इस साल नौ मार्च को शर्तों के साथ 12-17 साल आयु वर्ग के किशोरों पर इस टीके के इस्तेमाल की इजाजत दे दी थी. टीके को देश के कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है.
एक सरकारी सत्र ने बताया था कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) में सरकार एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश सिंह ने फरवरी में डीसीजीआई में एक आवेदन देकर कम से कम तीन महीने पहले ‘कोवीशील्ड' या ‘कोवैक्सीन' टीके की खुराक लगवाने वयस्कों में बूस्टर खुराक के तौर पर ‘कोवोवैक्स' लगाने के वास्ते तीसरे चरण का परीक्षण करने की अनुमति मांगी थी. सिंह ने कहा था कि कई देश महामारी की अनिश्चितता को देखते हुए अपने नागरिकों को बूस्टर खुराक लगा रहे हैं.
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