पीएम मोदी के विजन को ध्यान में रखकर ड्रोन स्टार्टअप शुरू किया : रेवड्रोन्स टेक्नोलॉजीज को-फाउंडर खुशी पांचाल

रेवड्रोन्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' की को-फाउंडर खुशी पांचाल ने भारत को ड्रोन हब बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का जिक्र करते हुए कहा, "जैसा कि हम सभी जानते हैं कि साल 2030 तक भारत को ड्रोन हब बनाने का पीएम मोदी का विजन है और उनका फोकस मेकिंग इंडिया पर है.

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पीएम मोदी ड्रोन तकनीक का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं: रेवड्रोन्स टेक्नोलॉजीज को-फाउंडर खुशी पांचाल
अहमदाबाद:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार युवाओं को स्टार्टअप चलाने में मदद कर रही है. राज्य सरकार के प्रोत्साहन की बदौलत बड़ी संख्या में युवा आगे आए हैं और स्टार्टअप चला रहे हैं. एक ऐसी ही की कहानी खुशी पांचाल की है, जिन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया है. वह कंपनी को डेढ़ साल से चला रही हैं और राज्य सरकार की ओर से उन्हें पांच लाख रुपये का फंड भी मिला है. खुशी पांचाल ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान बताया कि वह रेवड्रोन्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' की को-फाउंडर हैं.

उन्होंने कहा, "मेरा स्टार्टअप मुख्य तौर पर ड्रोन तकनीक पर केंद्रित है. हम लोग अभी तीन सेक्टर में काम कर रहे हैं. इस स्टार्टअप को पंजीकृत हुए करीब डेढ़ साल हुआ है. राज्य सरकार की ओर से हमें सहयोग मिला है. यहां पर मेंटरशिप प्रोग्राम है. फंड मिल रहे हैं, साथ ही नेटवर्किंग की वजह से हम कई स्टार्टअप के साथ अपने विचार साझा कर सकते हैं और एक साथ काम कर सकते हैं. हमें आई-हब से पांच लाख रुपये का फंड मिला है."

प्रधानमंत्री के विजन का जिक्र किया

खुशी ने भारत को ड्रोन हब बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का जिक्र करते हुए कहा, "जैसा कि हम सभी जानते हैं कि साल 2030 तक भारत को ड्रोन हब बनाने का पीएम मोदी का विजन है और उनका फोकस मेकिंग इंडिया पर है. प्रधानमंत्री मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए ही हमने अपने प्रोडक्ट को डिजाइन किया है. पीएम मोदी ड्रोन तकनीक का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. यहां 'नमो ड्रोन दीदी योजना' लाई गई हैं। यह योजना महिलाओं को काम दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई है."

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उल्लेखनीय है कि खुशी पांचाल ने सरदार वल्लभभाई पटेल इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अपने एक साथी के साथ मिलकर खुद का स्टार्टअप खड़ा करने का संकल्प लिया. हालांकि, इन युवाओं के सामने पूंजी की समस्या थी, लेकिन सरकार ने इनकी मदद की। स्टार्टअप शुरू करने के लिए पांच लाख रुपये की राशि दी गई. इनकी स्टार्टअप कंपनी रियल टाइम मैपिंग एरियल व्यू कृषि क्षेत्र में दवाइयों का छिड़काव जैसी सेवाएं प्रदान करने के लिए ड्रोन बना रही है.

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