पीयूष जैन से जेल में बयान लेने की तैयारी कर रही DRI, पूछेगी गोल्‍ड बार से जुड़े खास सवाल : सूत्र

पीयूष जैन से डीआरआई ये पूछना चाहती है कि ये दोनों कंपनियों के गोल्ड बार उसे कहां से मिले. अगर उसने ये खरीदे है तो क्या इनके बिल है, क्या इनकी कस्टम ड्यूटी दी गई है, क्या टैक्स दिया गया है या नहीं?

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नई दिल्‍ली:

डायरेक्‍टोरेट ऑफ रेवेन्‍यू इंटेलीजेंस (DRI)ने  इत्र कारोबारी पीयूष जैन  (Piyush Jain) से जेल में बयान लेने की तैयारी शुरू कर दी है.  डीआरआई की लखनऊ ब्रांच के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही पीयूष का बयान लेने उसकी टीम जेल जाएगी, इसके लिए कोर्ट से परमिशन की प्रक्रिया चल रही है. गौरतलब है कि पीयूष के पास जिन दो कंपनियों के गोल्ड बार मिले है उनमें से एक कंपनी International precious metal refiners abu dhabhi UAE की है तो दूसरी कंपनी valcambi Suisse कंपनी स्विट्जरलैंड की है. ये दोनों ही कंपनिया गोल्ड बार, सिल्वर मेटल के प्रोडक्ट्स बनाती है.

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पीयूष जैन से डीआरआई ये पूछना चाहती है कि ये गोल्ड बार उसे कहां से मिले

पीयूष जैन से डीआरआई ये पूछना चाहती है कि ये दोनों कंपनियों के गोल्ड बार उसे कहां से मिले. अगर उसने ये खरीदे है तो क्या इनके बिल है, क्या इनकी कस्टम ड्यूटी दी गई है, क्या टैक्स दिया गया है या नहीं? इत्र के रॉ मैटीरियल जिसे पीयूष दुबई और सिंगापुर भेजा करता था, उसके बदले क्या कुछ कंपनियों ने ये गोल्ड बार दिए, अगर ऐसा है तो भी क्या कस्टम ड्यूटी और टैक्स दिए गए या नहीं. इसके बरामद गोल्ड बार के सीरियल नंबर किस वजह से मिटाने की कोशिश की गई? कोर्ट से परमिशन लेकर डीआरआई बहुत जल्द ही पीयूष जैन का बयान जेल में लेगी और फिर बयान के आधार पर उससे पूछताछ करने के लिए उसकी कस्टडी की मांग करेगी.  डीआरआई ने कस्टम एक्ट में केस इसलिए दर्ज किया है क्योकि इन गोल्ड बार को कस्टम ड्यूटी में बड़ा हेरफेर करके भारत लाया गया है. 

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इस बीच, पीयूष जैन से बरामद टोटल कैश अमाउंट अब बढ़कर अब 197.45 करोड़ हो गया है.  पहले टोटल एमाउंट 177.45 करोड़ कानपुर से और 19 करोड़ कन्नौज से कैश बरामद होने की बात जीएसटी ने प्रेस रिलीज के जरिए बताई थी. जो टोटल 196.45 करोड़ था. बाकि 11 करोड़ के सोने के बिस्किट और 6 करोड़ का चंदन का तेल था.अब टोटल एमाउंट 197.45 करोड़ कैश हो गया है यानी 196.45करोड़ से 1 करोड़ और बढ़ गया है. ये लूज कैश होगा जिसे बाद में काउंट करके टोटल एमाउंट में ऐड कर दिया गया है. साथ ही जीएसटी ने एक क्लेरिफिकेशन दिया है कि कुछ रिपोर्ट्स में ये बात आई है कि पीयूष जैन ने 52 करोड़ रुपए की टैक्स लाइबिलिटी है और चुका दी है और जो पैसा कानपुर और कन्नौज से रिकवर किया गया है वो अब वापिस कर दिया जाएगा.

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जीएसटी ने साफ किया है कि ऐसा कोई टैक्स पीयूष या उसकी कंपनी की तरफ से नही दिया गया है कितना टैक्स बनता है ये सब आगे जीएसटी जांच करेगा.जब तक केस का ट्रायल चलेगा ये रिकवरी कैश स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में केस प्रोपर्टी के तहत जप्त रहेगा. आगे केस में जांच के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी, कितने का टैक्स वेल्युएशन आएगा, ये भी आगे डिपार्टमेंट तय करेगा. असल में 27 दिसंबर को पीयूष के दामाद और वकील की तरफ से एक प्रार्थना कोर्ट में की गई थी कि ये गिरफ्तारी गलत तरीके से की गई है और पीयूष टैक्स का 52 करोड़ रुपए जीएसटी में जमा कराने को तैयार है, लेकिन इस पर कोर्ट से कोई ऑर्डर नही आया था ये बस एक प्रार्थना थी, जिसे कुछ जगह चला दिया गया कि पीयूष जैन ने टैक्स के 52 करोड़ रुपए जमा करा दिए और अब रिकवर एमाउंट उसे  वापिस दे दिया जाएगा.

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