केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि डेटा सुरक्षा कानून के तहत नियमों का मसौदा तैयार करने का काम अंतिम चरण में है. उन्होंने आगे कहा कि उद्योग जगत से व्यापक परामर्श की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को दोगुना करने और नौकरियों के अवसर बढ़ाने की कोशिश करेगा.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री ने भरोसा दिया कि विनियामक कार्य में निरंतरता देखने को मिलेगी. माइक्रोन और टाटा समूह के सेमीकंडक्टर संयंत्र भी तय समयसीमा के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं.
डिजिटल निजी डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम को लागू करने की प्रक्रिया 'डिजाइन के द्वारा डिजिटल' के सिद्धांत पर आधारित होगी. इससे काम करने के नए तरीके का रास्ता खुलेगा.
वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''हमने दिसंबर के आसपास नियमों का मसौदा तैयार करने का काम शुरू कर दिया था. डीपीडीपी नियमों का मसौदा काफी हद तक तैयार हो चुका है. हम अब उद्योग से परामर्श शुरू करेंगे और जितना संभव हो उतना व्यापक रूप से आगे बढ़ेंगे.''
उन्होंने कहा कि दूरसंचार अधिनियम और डीपीडीपी अधिनियम दोनों में व्यापक परामर्श की जरूरत है. उन्होंने वादा किया कि डीपीडीपी के नियमों को भी जल्दबाजी में नहीं बनाया जाएगा.
इस सप्ताह की शुरुआत में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले वैष्णव ने कहा कि उन्होंने डेटा सुरक्षा नियमों पर चल रहे कार्य की समीक्षा की और वह परिणामों से खुश हैं. उन्होंने कहा कि उद्योग और हितधारकों के विचारों के आधार पर इसमें बदलाव किए जाएंगे.