अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी को दूसरी बार डॉक्‍टरेट की उपाधि से नवाजा गया

अदाणी फाउंडेशन की अध्‍यक्ष डॉ. प्रीति अदाणी ने डॉक्टरेट की उपाधि स्वीकार करते हुए कहा कि मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है. यह मेरी मूल धारणा 'सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्‍मा है' को दृढ़ता से पुष्ट करता है. 

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डॉ. प्रीति अदाणी को दूसरी बार डॉक्‍टरेट से सम्‍मानित किया गया.

अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी (Dr Priti Adani) को दूसरी बार डॉक्‍टरेट की उपाधि से सम्‍मानित किया गया. महाराष्‍ट्र के वर्धा स्थित दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (Datta Meghe Institute of Higher Education & Research) ने अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन को समाज सेवा के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए यह उपाधि प्रदान की गई. डॉ. प्रीति अदाणी को संस्थान के 16वें दीक्षांत समारोह के दौरान DMIHER के चांसलर दत्ता मेघे द्वारा यह सम्मान प्रदान किया गया, जहां उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. 

अदाणी फाउंडेशन की अध्‍यक्ष डॉ. प्रीति अदाणी ने यह सम्‍मान ग्रहण करते हुए कहा कि मुझे डॉक्टरेट की उपाधि स्वीकार करते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा है. यह मेरी मूल धारणा 'सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्‍मा है' को दृढ़ता से पुष्ट करता है. 

साथ ही कहा कि मैं उन समावेशी प्रणालियों और समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं जो स्थायी परिवर्तन लाते हैं, कमजोर लोगों का उत्थान करते हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच का विस्तार करते हैं और समुदायों को सशक्त बनाते हैं. 

डॉ. प्रीति अदाणी को मिले हैं कई सम्‍मान 

प्रीति अदाणी को फरवरी 2020 में सामाजिक कल्याण में उनके असाधारण योगदान के लिए अहमदाबाद की गुजरात लॉ सोसायटी यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया था. वहीं जनवरी 2019 में रोटरी क्लब ऑफ पालनपुर, गुजरात ने बनास रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया.

अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन को फरवरी 2022 में उन्हें सामाजिक प्रभाव के लिए फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) का उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया. 

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डेंटल सर्जन लेकिन चुना सार्वजनिक सेवा का रास्‍ता

डॉ. प्रीति अदाणी एक डेंटल सर्जन हैं. उन्होंने क्लीनिकल करियर के बजाय सार्वजनिक सेवा का रास्ता चुना, जिसने उन्हें 1996 में स्थापित अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी को फिर से परिभाषित करने के लिए प्रेरित किया. 

उनके मार्गदर्शन में फाउंडेशन पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थायी प्रभाव पैदा करने में सबसे आगे रहा है, इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, स्थायी आजीविका, क्‍लाइमेट एक्‍शन और सामुदायिक विकास शामिल है. 

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