कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पिछले कुछ समय से गहरे जल संकट जूझ रहा है. इस जल संकट को अप्रैल में बढ़ते तापमान ने और बढ़ा दिया है. ऐसे में बेंगलुरु की जनता को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. बेंगलुरु इस समय रिकॉर्ड तोड़ उच्च तापमान से जूझ रहा है, जिससे निवासियों को अपनी दिनचर्या को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसे में आईटी हब में जीवन बदल-बदला-सा नजर आ रहा है. पिछले कुछ दिनों में शहर में दिन का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है और यह अप्रैल के अब तक के उच्चतम तापमान (2016 में 39.2 डिग्री) के करीब पहुंच गया है. वर्तमान तापमान बेंगलुरु के अप्रैल के सामान्य तापमान से कम से कम तीन डिग्री अधिक है.
बेंगलुरु का पारा चढ़ने के पीछे के कारणों की ओर इशारा करते हुए मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन पुवियारासन ने कहा कि बेंगलुरु में पिछले साल उत्तर-पूर्वी मानसून से कम बारिश हुई थी. उन्होंने कहा, "सर्दियों में बेंगलुरु में भी बारिश नहीं हुई, जिसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन और अल नीनो की स्थिति थी. अल नीनो प्रभाव कमजोर मानसूनी हवाओं और कम वर्षा से जुड़ा है. इसका प्रभाव अब बेंगलुरु पर दिखाई दे रहा है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के साथ काम कर रहे डॉ. पुवियारासन ने यह भी बताया कि कैसे तेजी से शहरीकरण भी शहर में उच्च तापमान से जुड़ा है. इस बीच, निवासियों को गर्मी से बचने के लिए अपनी दिनचर्या बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. एक निवासी ने कहा, "बढ़ते तापमान और पानी के संकट ने मेरी पूरी दिनचर्या बदल दी है. मैं दोपहर के भोजन के बाद टहलने जाता था. अब ऐसा सोचना इतना भयानक है कि मैं ऑफिस से बाहर भी नहीं निकल सकता. एसी में बैठना ही एकमात्र विकल्प है. जब मैं 10 साल पहले यहां आया था, तो यह पूरी तरह से अलग कहानी थी. हमने कभी इस तरह के मौसम का सामना नहीं किया था."
एक अन्य निवासी ने कहा कि गर्मी के बीच फिट रहने के लिए वह लगातार खुद को हाइड्रेट कर रही हैं.उन्होंने कहा, "हम बेंगलुरु में भी पानी की भारी समस्या का सामना कर रहे हैं."
शहर में गर्म रातें भी देखी जा रही हैं, जिससे सुखद शाम की उम्मीद करने वाले निवासियों के लिए बुरी खबर है. न्यूनतम तापमान नई ऊंचाइयों को छू रहा है, कल शहर का तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो दिल्ली और गुरुग्राम से कई डिग्री अधिक है. आईटी हब अब गर्मी की बारिश की उम्मीद कर रहा है, जो 14 अप्रैल के आसपास होने की उम्मीद है, जिससे भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलेगी.
बता दें कि अपने खुशनुमा मौसम के लिए मशहूर बेंगलुरु में जल संकट के बीच गर्मी की लहर दोहरे झटके के रूप में सामने आई है. पिछले महीने एनडीटीवी की एक ग्राउंड रिपोर्ट में पाया गया था कि निवासियों को पानी की कमी के कारण स्नान और खाना पकाने में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उनमें से कुछ ने बताया कि विकास परियोजनाओं के लापरवाह कार्यान्वयन के कारण यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई. एक निवासी ने कहा, "अपार्टमेंट और सड़कों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है, लेकिन हमें भूजल स्तर पर काम करने की जरूरत है. यह कभी नहीं किया गया है."
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