राम मंदिर के लिए निधि समर्पण अभियान प्रारंभ, लोकसभा चुनाव-2024 के पहले तक निर्माण पूरा होने की उम्‍मीद

देश के तमाम हिस्‍सों में आज मंदिर के वास्‍ते धनसंग्रह के लिए विशाल रैलियां निकाली गई, इनमें बीजेपी और वीएचपी के कार्यकर्ता भगवा झंडे लहराते धन संग्रह के लिए जागरूकता फैलाने निकले.

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अयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण 2024 तक पूरा होने की संभावना है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
लखनऊ:

अयोध्‍या में राम मंदिर (Ayodhya Ram mandir) वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Election) से ठीक पहले बन जाएगा. राम मंदिर ट्रस्‍ट के महासचिव चंपत राय ने आज रायबरेली में हुए कार्यक्रम 39 महीने में मंदिर बना देने का ऐलान किया है. शुक्रवार से राम मंदिर के लिए देशभर में निधि समर्पण अभियान की शुरुआत हुई. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) समेत तमाम छोटे-बड़े लोगों ने आज मंदिर के लिए अपनी सामर्थ के अनुसार दान (Donation for Ram mandir) दिया. राष्‍ट्रपति कोविंद ने इसके लिए 500100 रुपये (पांच लाख सौ रुपये) का अंशदान दिया.  चंपत राय ने कहा कि 39 महीनों में यानी अप्रैल 2024 तक मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. अगले लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में संभावित हैं. उन्‍होंने कहा, 'पूरा विश्‍वास करते हैं कि अगर मकरसंक्रांति पर विचार कर लें तो 39 महीने में यह कार्य पूरा हो जाएगा .इच्‍छा तो यही है.' इस बीच देश के तमाम हिस्‍सों में आज मंदिर के धनसंग्रह के लिए विशाल रैलियां निकाली गई, इनमें बीजेपी और वीएचपी के कार्यकर्ता भगवा झंडे लहराते धन संग्रह के लिए जागरूकता फैलाने निकले. 

एक मंदिर के लिए राष्ट्रपति का चंदा देना कितना उचित है?

अयोध्‍या में राममंदिर बनाने के लिए आज मथुरा में बीजेपी सांसद हेमामालिनी (Hema Malini) ने भी सहयोग राशि प्रदान की. बीजेपी और आरएसएस के जिन बड़े नेताओं ने आज मंदिर के लिए अंशदान दिया, उनमें सरसंघचालक मोहन भागवत, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, मध्‍य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, उत्‍तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह और बिहार के पूर्व डिप्‍टी सीएम सुशील कुमार मोदी शामिल हैं. 

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इसके अलावा विश्‍व हिंदू परिषद (VHP) ने आज घर-घर संपर्क कर मंदिर निर्माण के लिए धनसंग्रह प्रारंभ किया, वीएचपी का लक्ष्‍य इस अभियान के लिए 42 दिनों में पांच लाख से ज्‍यादा गांवों में 12 करोड़ घरों तक पहुंचना है. बीजेपी नेता राजू यादव कहते हैं, 'भक्‍तजनों से अपेक्षा कर रहे हैं कि वह श्रीराम मंदिर के भव्‍य निर्माण में अपना भी योगदान दें. आर्थिक तौर पर एक रुपये का भी योगदान है, सौ रुपये और एक हजार रुपये का  भी योगदान है. धनराशि का उद्देश्‍य यह है कि आम जनमानस में यह संदेश जाए कि मेरा भी श्रीराम के प्रति समर्पण है, पूरी जनता में इस अभियान को लेकर बहुत उत्‍साह है.'

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