ट्रंप की धमकी नजरअंदाज, भारत-रूस साझेदारी की नई उड़ान... आर्थिक संबंधों की मजबूती के लिए नए क्षेत्रों पर फोकस

रूस से कच्चे तेल के आयात के मसले पर अमेरिका के बढ़ते दबाव के बावजूद भारत और रूस ने आपसी आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के फैसला किया है.

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  • PM मोदी ने ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय ट्रेड शो का उद्घाटन किया जिसमें रूस कंट्री पार्टनर है.
  • भारत और रूस ने वैश्विक चुनौतियों के बीच अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का निर्णय लिया है.
  • रूस और भारत AI, साइबर सुरक्षा तथा चिकित्सा विज्ञान जैसे नए सहयोग क्षेत्रों पर चर्चा कर रहे हैं.
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नई दिल्‍ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतरराष्‍ट्रीय ट्रेड शो 2025 (Uttar Pradesh International Trade Show 2025) का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि इस बार ट्रेड शो का कंट्री पार्टनर रूस है यानी इस ट्रेड शो में हम एक टाइम टेस्‍टेड पार्टनरशिप को और भी मजबूत कर रहे हैं. ऐसे समय में जब वैश्विक चुनौतियां मौजूद हैं, भारत और रूस ने अपने आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने की पहल की है. 

पहली बार चार-दिवसीय उत्तर प्रदेश अंतरराष्‍ट्रीय ट्रेड शो-2025 में रूस एक भागीदार देश के रूप में भाग ले रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, इससे द्विपक्षीय व्यापार, प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान और दीर्घकालिक सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे और रणनीतिक महत्व बढ़ेगा. 

साझेदारी मजबूत करने का फैसला

भारत और रूस के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की ये पहल ऐसी वक्त पर शुरू हुई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर कई बार तीखी टिप्‍पणी कर चुके हैं और भारत पर 25% की अतिरिक्‍त टैरिफ लगा चुके हैं.  

हालांकि रूस से कच्चे तेल के आयात के मसले पर अमेरिका के बढ़ते दबाव के बावजूद भारत और रूस ने आपसी आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के फैसला किया है.

सहयोग के नए क्षेत्रों को लेकर हो रही चर्चा 

उत्तर प्रदेश अंतरराष्‍ट्रीय ट्रेड शो-2025 में रूस सरकार के प्रतिनिधि और रूसी दूतावास में डिप्‍टी ट्रेड कमिश्‍नर एवजेनी जेन्चेंको ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, "हमने रूसी कंपनियों और भारतीय संभावित बिजनेस पार्टनर्स के लिए दो राउंट टेबल मीटिंग आयोजित करने का निर्णय लिया है. आज, भारत और रूस के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है. दोनों देश द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. हम सहयोग के संभावित नए क्षेत्रों के रूप में AI, साइबर सुरक्षा और चिकित्सा विज्ञान पर विचार कर रहे हैं. कई रूसी कंपनियां यहां व्‍यापार करने में रुचि ले सकती हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों के बारे में बात की. हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री ने इसका उल्लेख किया." 

एवजेनी ज़ेन्चेंको कहते हैं कि हम रूसी कंपनियों के लिए व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देना चाहते हैं और नई व्यावसायिक परियोजनाओं में सहयोग को सुगम बनाना चाहते हैं. 

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रूस के उप प्रधानमंत्री से भी मिले पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देर शाम दिल्ली में वर्ल्‍ड फूड इंडिया 2025 प्रोग्राम के अवसर पर रूस के उप प्रधानमंत्री से मुलाकात की. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान, "दोनों नेताओं ने कृषि, उर्वरक, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को शुभकामनाएं दी और कहा कि वह 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत में उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं." 

इस बैठक पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर ट्वीट कर कहा, "वर्ल्‍ड फूड इंडिया 2025 में रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री  दिमित्री पेत्रुशेव से मिलकर प्रसन्नता हुई. हमने कृषि, उर्वरक और खाद्य प्रसंस्करण में हमारे लाभकारी सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की." 

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जाहिर है, आने वाले समय में भारत और रूस के बीच आर्थिक संबंधों के विस्तार के लिए और भी कई नए मोर्चों पर पहल के संकेत हैं.
 

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