डोमिनिका की अदालत ने भगोड़े मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर लगी रोक को बढ़ाया, 2 जून को अगली सुनवाई

कोर्ट ने मेहुल चोकसी को चिकित्सकीय देखभाल के लिए डोमिनिका-चाइना फ्रैंडशिप अस्पताल ले जाने और उसके कोविड टेस्ट का निर्देश दिया है. 

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चिकित्सकीय देखभाल के लिए चोकसी को अस्पताल भेजने का निर्देश (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

डोमिनिका की एक अदालत ने भारत में भगोड़ा घोषित हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के दो जून तक देश से बाहर भेजने पर रोक लगाई है. अदालत ने अपने आदेश में दो जून को होने वाली अगली सुनवाई तक चोकसी को देश से बाहर भेजने पर रोक लगाई है. मेहुल चोकसी पर डोमिनिका में गैर-कानूनी रूप से घुसने का आरोप है. हाईकोर्ट उस दिन मेहुल चोकसी की हैबियस कॉपर्स (बन्दी प्रत्यक्षीकरण) याचिका पर भी सुनवाई करेगी.  

कोर्ट ने 62 वर्षीय कारोबारी को चिकित्सकीय देखभाल के लिए डोमिनिका-चाइना फ्रैंडशिप अस्पताल ले जाने और उसके कोविड टेस्ट का निर्देश दिया है. 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "आवेदक को आवश्यकतानुसार अपने कानूनी सलाहकार से मिलने की अनुमति दी जाए. आवेदक के डोमिनिका से बाहर जाने पर लगी रोक इस मामले की अगली सुनवाई तक जारी रहेगी."

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता रखने वाला मेहुल चोकसी डोमिनिका में पकड़  गया था. चोकसी उस समय पकड़ा गया जब वो एंटीगुआ से क्यूबा भागने की कोशिश कर रहा था. वह एंटीगुआ में 2018 से रह रहा था. उसने कथित तौर पर एंटीगुआ छोड़कर पड़ोसी देश डोमिनिका के लिए नाव ली. चोकसी के खिलाफ इंटरपोल का लुकआउट सर्कुलर जारी है. उसे डोमिनिका में एक बीच से पुलिस ने गिरफ्तार किया गया

.भारत सरकार के सूत्रों ने दोहराया है कि सरकार राजनयिक चैनलों का इस्तेमाल भगोड़े हीरा कारोबारी को वापस लाने के लिए करेगी, जो पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 13,500 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में वांछित है. 

वीडियो: चोकसी को अगवा कर डोमिनिका लाया : वकील

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