झारखंड में चिकित्सकों पर आये दिन हो रहे हमलों के खिलाफ राज्य भर के चिकित्सकों ने बुधवार को हड़ताल की, जिसके चलते सभी सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में सेवाएं बाधित रहीं. राजेंद्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान (रिम्स) और सदर अस्पताल सहित सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में आपातकालीन सेवा छोड़कर पूरी चिकित्सीय व्यवस्था ठप रही.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की झारखंड इकाई और झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा) के बैनर तले चिकित्सक बुधवार सुबह से ही राजधानी के रिम्स और सदर अस्पताल में एकजुट हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
चिकित्सकों ने कहा कि राज्य में जब तक ‘चिकित्सा सुरक्षा कानून' लागू नहीं होता और चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
आईएमए के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि गढ़वा में एक चिकित्सक के साथ हुई मारपीट की घटना के तुरंत बाद राजधानी में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अंचल कुमार पर जानलेवा हमला हुआ. उन्होंने सवाल किया कि आखिर यह सब कब तक चलता रहेगा. सिंह ने कहा कि इन घटनाओं के बाद भी सरकार एवं पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जो काफी चिंताजनक है.
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