"नौकरी में छंटनी असामान्य नहीं, ये आपके कौशल को परखने का एक मौका"... केंद्रीय मंत्री का बड़ा बयान

सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे जंग का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर हुआ है. उन्होंने ये भी साफ किया कि उतार-चढ़ाव टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स के लिए डीएनए में है.

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सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा कि प्रतिभाशाली लोगों के लिए पर्याप्त नौकरियां हैं.
दुबई:

भारत के सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ( Rajeev Chandrasekhar) ने मंगलवार को साफ किया कि केंद्र  सरकार आईटी क्षेत्र में छंटनी (Job layoffs) रोकने के लिए "शायद" कोई दखल नहीं देगी. हालांकि, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि ये छंटनियां एक तरह से "सॉफ्ट लैंडिंग" हैं. यानी एक नौकरी से निकाले जाने के बाद आपको नई नौकरी खोजने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है.

सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा कि प्रतिभाशाली लोगों के लिए पर्याप्त नौकरियां हैं. उन्होंने 460 करोड़ रुपये की "नए कौशल" योजना की भी रूपरेखा तैयार की. NDTV से बात करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "हो सकता है कि कोई ऐसा मुद्दा हो जहां एक खास तरह की स्किल वाले लोग हों, लेकिन मांग पूरी तरह से दूसरी स्किल वाले लोगों की हो."

उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे जंग का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर हुआ है. हालांकि, उन्होंने ये भी साफ किया कि उतार-चढ़ाव टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स के लिए डीएनए में है. उन्होंने कहा कि सरकार स्टार्टअप्स को अगले एक साल के लिए अपने विकास अनुमानों को "अधिक यथार्थवादी" बनाने के लिए भी काम कर रही है.

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उन्होंने आगे कहा, 'इस स्थिति के लिए ही सरकार ने 'फ्यूचरस्किल्स प्राइम' नाम से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू करने के लिए 460 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इसके जरिए युवाओं को दूसरे स्किल की तलाश करने की सुविधा मिलेगी. राजीव चंद्रशेखर ने दुबई में आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम की बैठक में एनडीटीवी के एक सवाल में ये बातें कही.

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उन्होंने कहा, "अगर किसी स्टार्टअप को विकास की एक निश्चित धारणा के साथ बनाया गया है, तो यह स्पष्ट है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मौजूदा विपरीत परिस्थितियां उस धारणा में कुछ सुधार करने जा रही हैं. यह धारणा एक स्टार्टअप के डीएनए का हिस्सा है." केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "चूंकि नौकरी से निकाले गए लोग प्रतिभाशाली लोग हैं, वे अपने पैरों पर खड़े होंगे और कहीं कंपनी में अपनी जगह बना लेंगे. लेकिन स्टार्टअप्स के लिए यह बहुत असामान्य नहीं है. आपने अमेजॉन, ट्विटर समेत दुनिया भर में कई कंपनियों में देखा है. इसलिए, यह असामान्य नहीं है."
 

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अनुमान के मुताबिक, इस साल वैश्विक स्तर पर लगभग 2 लाख लोगों ने तकनीकी क्षेत्र में अपनी नौकरी खो दी है. फेसबुक और ट्विटर इस तरह के कदम उठाने वाली वैश्विक दिग्गज कंपनियों में शामिल है. ट्विटर ने तो भारी तादाद में भारत में अपने स्टाफ की छंटनी कर दी है. क्या छंटनियां रोकने में सरकार कुछ कर नहीं सकती? इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने यह सुनिश्चित करने के बारे में बात की है कि ये सॉफ्ट लैंडिंग हैं... लेकिन मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता, क्योंकि ये विशेषाधिकार प्राप्त बातचीत हैं."

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