डीएमके प्रमुख स्टालिन ने बताया- उन्होंने राहुल गांधी का नाम PM के लिए क्यों प्रस्तावित किया था

डीएमके प्रमुख स्टालिन ने कहा कि राहुल गांधी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट कर सकते हैं.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन.
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स्टालिन ने राहुल का नाम पीएम के लिए किया था आगे
सोमवार को बयान जारी कर बताई वजह
कहा- धर्मनिरपेक्ष ताकतों को रख सकते हैं एकजुट
नई दिल्ली: डीएमके नेता एमके स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था. लेकिन यह सुझाव कई विपक्षी दलों को पसंद नहीं आया. स्टालिन ने इसके बाद सोमवार को अपने प्रस्ताव पर सफाई देते हुए एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट कर सकते हैं. स्टालिन ने कहा, 'प्रधानमंत्री के रूप में राहुल गांधी को पेश करना, धर्म निरपेक्ष ताकतों के लिए सही है.' साथ ही उन्होंने इस पर जोर दिया कि भाजपा शासित तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत राहुल गांधी की वजह से हुई है.

सोमवार को राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में स्टालिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही रहे. साल 2019 लोकसभा चुनाव से पहले यह विपक्षी दलों की ताकत प्रदर्शन का एक मंच भी बना गया. 

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स्टालिन ने कहा, 'हमें लोकतांत्रिक ताकतों में सामंजस्य के लिए मजबूत नेतृत्व की जरूरत है. इसलिए मैंने राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया था. देश से सांप्रदायकिता खत्म करने और लोकतंत्र की स्थापना की लिए राहुल गांधी के हाथों मजबूत किया जाना चाहिए.'

डीएमके प्रमुख स्टालिन के प्रस्ताव पर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, ममता बनर्जी की टीएमसी, फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस, लालू यादव की जदयू, सीपीएम और एनसीपी ने इससे असहमति जताई थी. इन दलों ने कहा था कि चुनाव के बाद विपक्षी दलों को एकसाथ बैठकर इस पर फैसला करना चाहिए. टीएमसी ने कहा था कि स्टालिन का बयान अपरिपक्व है, इससे विपक्षी दलों में दरार आ सकती है.

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बता दें, स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प जताते हुए रविवार को कहा था कि गांधी में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को परास्त करने की क्षमता है. उन्होंने कहा था, ‘2018 में थलैवार कलईग्नार की प्रतिमा के अनावरण के अवसर मैं प्रस्ताव रखता हूं कि हम दिल्ली में नया प्रधानमंत्री बनाएंगे. हम नया भारत बनाएंगे. मैं तमिलनाडु की ओर से राहुल गांधी की उम्मीदवारी की पेशकश करता हूं.'

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स्टालिन ने कहा था कि उनका यह प्रस्ताव द्रमुक की उसी परंपरा का हिस्सा है जब उनके पिता दिवंगत एम करूणानिधि ने नेतृत्व की कमान संभालने के लिए इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी का समर्थन किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए द्रमुक अध्यक्ष ने कहा कि राहुल में मोदी सरकार को परास्त करने की क्षमता है. उन्होंने मंच पर बैठे तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और माकपा नेता पी विजयन से भी राहुल गांधी के हाथ मजबूत करने की अपील की.

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