कांग्रेस की ओडिशा इकाई ने पार्टी नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने के विरोध में रविवार को राज्यभर में ‘सत्याग्रह' किया.
वहीं, पार्टी की नगालैंड इकाई ने भी रविवार को राहुल की अयोग्यता के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता दिखाती है कि आवाज उठाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जबकि ‘चोर' खुलेआम घूमते रहेंगे.
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शरत पटनायक ने भुवनेश्वर में महात्मा गांधी पार्क में, जबकि विधानसभा में पार्टी के सचेतक ताराप्रसाद बाहिनीपति ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया.
पटनायक ने कहा, “राहुल गांधी को ऊपरी अदालतों में अपील करने का समय दिए बिना तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया गया. यह देश में लोकतंत्र की व्यावहारिकता पर सवालिया निशान लगाता है.”
वहीं, नगालैंड कांग्रेस ने राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मकसद सत्ता पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करना है.
केरल की वायनाड सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.
इससे एक दिन पहले, सूरत की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि के एक मामले में राहुल को दोषी करार देते हुए उन्हें दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी. यह मामला ‘मोदी उपनाम' को लेकर की गई उनकी एक कथित टिप्पणी के लिए दायर किया गया था.
हालांकि, सजा के ऐलान के बाद अदालत ने राहुल को जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन की रोक लगा दी थी, ताकि वह फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें.
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