- दिल्ली पुलिस ने यौन शोषण के आरोपी चैतन्यानंद के देश छोड़कर भागने से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया है.
- चैतन्यानंद के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के मामले में कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
- पीड़ित छात्राओं ने आरोप लगाए कि चैतन्यानंद ने संस्थान में अश्लील मैसेज भेजे और गलत तरीके से छूने की कोशिश की.
यौन शोषण का आरोपी बाबा चैतन्यानंद सरस्वती देश छोड़कर ना भाग जाए इसके लिए दिल्ली पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. चैतन्यानंद सरस्वती की तलाश में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और बिहार में छापेमारी जारी है. लेकिन वह अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है. इधर, दिल्ली की एक अदालत ने स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ दर्ज कथित धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के मामले में अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. इस बीच 'डर्टी बाबा' चैतन्यानंद की कई हरकतें सामने आ रही हैं. उनकी अपराध की परतें खुल रही हैं. चैतन्यानंद के आश्रम में फंसी लड़कियां आपबीती बता रही हैं.
यौन शोषण, यौन उत्पीड़न का आरोपी अश्लील बाबा चैतन्यानंद फ़रार है. पुलिस उसकी तलाश में देश भर में छापे मार रही है. वो जितना भाग रहा है उसके अपराध की परतें उतनी ही ज़्यादा खुलती जा रही हैं. चैतन्यानंद के खिलाफ 2016 में दायर एक एफआईआर से खुलासा हुआ है कि संस्थान ज्वॉइन करते ही बाबा एक छात्रा को अश्लील मैसेज भेजने लगा था. ऑफिस भी बुलाता था और गलत तरीके से छूने की कोशिश भी करता था.
1- 'स्वीट गर्ल' तुम्हे दुबई ले जाकर पढ़ाऊंगा
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की एक-एक करतूत सामने आ गई है. साल 2016 में FIR करवाने वाली एक छात्रा ने बताया, 'मैंने संस्थान जो 8 महीने बिताए, वो मेरी जिंदगी का सबसे खराब दौर था. वहां मैं सिर्फ 8 महीने पढ़ी थी, उसके बाद मैंने वहां पढ़ाई छोड़ दी थी. संस्थान ज्वॉइन करते ही बाबा की हरकतें शुरू हो गई थीं. वह मुझे अश्लील मैसेज भेजने लगा था. मुझे 'बेबी' और 'स्वीट गर्ल' बुलाने लगा. शाम को 6:30 बजे क्लास खत्म होने के बाद वो मुझे अपने ऑफिस में बुलाता और परेशान करता. वो कहता था- तुम बहुत टैलेंटेड हो और तुम्हे दुबई ले जाकर पढ़ाऊंगा और पढ़ाई का पूरा खर्च उठाऊंगा. मैं ये बिल्कुल नहीं चाहती थी, लेकिन उसका स्टाफ मुझ पर दबाव बनता रहता था. बाबा ने मेरा मोबाइल फोन छीन लिया और मुझे हॉस्टल में अकेले रहने पर मजबूर किया. मुझे किसी से बात नहीं करनी दी जाती थी. वो मेरे कमरे में लगे फोन पर रात में कॉल करता था. उसकी मेरे ऊपर गिद्ध की तरह नजर थी. वो मुझे रात में डिनर और अच्छे होटलों में रुकवाने की बातें करता था. मैं बहुत डरी हुई थी. कई बार बाबा ने मुझे गलत तरीके से टच करने की कोशिश की, वहां कैमरे भी लगे हुए थे. बाबा ने मुझे कहा- तुम्हे मेरे साथ मथुरा चलना है, लेकिन मैं नहीं गई और बिना किसी को बताए हॉस्टल में अपना पूरा सामान छोड़कर भाग निकली. मैंने क्लास छोड़ दी, लेकिन बाबा ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा. उससे जुड़ी छात्राएं मेरे पास आई और वापस चलने का दबाव बनाने लगीं. बाबा ने उन्हें मेरा फोन नंबर और पता दिया था. लेकिन मेरे पिता ने सभी को भगा दिया.'
2- 'बेबी, मैं तुमसे प्यार करता हूं...'
अक्टूबर 2024 में संस्थान में दाखिला लेने वाली एक पीड़िता ने बताया कि उसके दाखिला लेने के कुछ ही समय बाद उत्पीड़न शुरू हो गया था. उसने बताया कि सरस्वती ने पहली बार एक दिसंबर, 2024 को संस्थान के ग्राउंड फ्लोर ऑफिस में छात्राओं से बातचीत की थी. उसने कहा, 'उस दिन, स्वामीजी ने हमें प्रेरित करने के बजाय, हमारा मनोबल गिरा दिया. उन्होंने एक महिला का परिचय एसोसिएट डीन और अपनी भक्त के रूप में कराया.' एफआईआर में शिकायतकर्ता ने कहा कि जब उसके पैर के अंगूठे में चोट आई, तो उसने अपनी एक्स-रे रिपोर्ट शेयर करने के लिए व्हाट्सएप पर सरस्वती से संपर्क किया. पीड़िता ने शिकायत में आरोप लगाया, 'तब से स्वामीजी मुझे गंदे मैसेज भेजने लगे, जिसमें वे कहते थे- 'बेबी, मैं तुमसे प्यार करता हूं... आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो.' पीड़िता ने FIR में कहा, 'जब भी मैंने विरोध किया, स्वामीजी ने मुझे हल्द्वानी के पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्रवाई की धमकी दी.' छात्रा ने आरोप लगाया, 'उन्होंने एसोसिएट डीन को बताया और फिर डीन ने मुझसे उनके मैसेज का जवाब देने को कहा. स्वामीजी ने सीनियर्स को यह भी निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि सभी लड़कियां उनके मैसेज का जवाब दें. उन्होंने चेतावनी दी कि जो लड़कियां ऐसा नहीं करेंगी, उनकी अटेंडेंस में हेराफेरी की जाएगी या परीक्षा में उनके नंबर काटे जाएंगे.'
3- बात नहीं मानी, तो कर देंगे फेल
एक पीड़िता छात्रा ने बताया कि मार्च 2025 में सरस्वती मेरे समेत कुछ छात्राओं को अपनी बीएमडब्ल्यू कार में घुमाने ले गए और आधी रात के बाद भी उन्हें अनुचित संदेश भेजते रहे. छात्रा ने शिकायत में कहा गया, 'तड़के 3.30 बजे, वह हमें अजीबोगरीब टिप्पणियों वाले मैसेज भेजते और अक्सर उन मैसेज को डिलीट कर देते थे. जब उसने एसोसिएट डीन से शिकायत की, तो मदद करने के बजाय, उसे सरस्वती से माफ़ी मांगने के लिए एक मेल लिखने को कहा गया. छात्रा ने कहा, 'इसके बाद, उन्होंने मुझे ईमेल भेजने के लिए मजबूर किया और धमकी दी कि मैं पास नहीं होने वाली हूं.' उन्होंने खुलेआम कहा कि अगर मैं उनकी बात नहीं मानूंगी तो वे मुझे फेल कर सकते हैं.' FIR का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि छात्राओं को धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने विरोध किया तो उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा और उनकी डिग्री रोक दी जाएगी.
4- जबरन रंग लगाया और हाथ मिलाते समय...
चैतन्यानंद सरस्वती छात्रों से छेड़छाड़ का कोई मौका नहीं छोड़ता था. एफआईआर में एक लड़की ने आपबीती में बताया, 'सरस्वती ने होली समारोह के दौरान मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. मुझे पर जबरन रंग लगाया. बार-बार 'बेबी' कहा और हाथ मिलाते समय गलत तरीके से छुआ. ऐसा बाबा ने मेरे साथ ही नहीं, कई लड़कियों के साथ किया. रंग लगाते समय उनकी नीयत साफ झलक रही थी. लेकिन तब हम चाहकर भी विरोध नहीं कर पाए. यह सिर्फ एक मौका नहीं था, जब बाबा हमें गलत तरीके से छूने की कोशिश की हो. बाबा कोई न कोई मौका अपनी गलत हरकतों को अंजाम देने के तलाशते रहते थे.'
5- ऋषिकेश में बेवक्त कमरे में बुलाया और...
जून 2025 में 35 अन्य लड़कियों के साथ ऋषिकेश के घूमने के दौरान चैतन्यानंद सरस्वती ने कथित तौर पर छात्राओं को बेवक्त अपने कमरे में बुलाया. FIR में पीड़ित छात्रा ने आरोप लगाया, 'कई लड़कियां ऋषिकेश नहीं जाना चाहती थी, लेकिन मजबूर किया गया. इसके बाद देर शाम को हमें सरस्वती के कमरे में जाने को मजबूर किया गया. इस दौरान सरस्वती हमें अजीब नजरों से घूरते थे. हमारे पास आने की कोशिश करते. हम में से कई छात्राओं को ये ठीक नहीं लगा. जब हमने माता-पिता से बाबा की हरकत को लेकर कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की, तो उन्होंने हमारे नंबर भी ब्लॉक कर दिए. हमें मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया गया.'
स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ दर्ज 2016 की एफआईआर में कई चौंकानेवाले खुलासे हुए हैं. बाथरूम में सीसीटीवी, डर्टी मैसेज, मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक प्रताड़ना जैसे कई आरोप स्वयंभू बाबा पर एफआईआर में लगाए गए हैं. एएफआईआर में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली स्थित श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान (एसआईआईएमडी) की छात्राओं को देर रात स्वयंभू बाबा के क्वार्टर (आवास) में जाने के लिए मजबूर किया गया. संस्थान के प्रबंधन की शिकायत के बाद FIR दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि 30 से अधिक छात्राओं के साथ डिजिटल माध्यम से हुई बातचीत के दौरान उनमें से कई ने चैतन्यानंद द्वारा यौन उत्पीड़न और धमकी के मामलों का खुलासा किया. चैतन्यानंद को पहले स्वामी (डॉ.) पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था.