कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा संगठन को मजबूत करने और राजनीतिक विरोधियों के संदर्भ में दिए गए बयान के बाद पार्टी के भीतर कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. अधिकांश नेताओं ने स्पष्ट किया है कि बयान को संदर्भ से हटकर पेश किया जा रहा है, जबकि कुछ ने सार्वजनिक रूप से असहमति भी जताई है.
हमें किसी से सीखने की जरूरत नहीं- सुप्रिया श्रीनेत
सुप्रिया श्रीनेत ने दिग्विजय सिंह के बयान के आसपास जारी बहस पर कहा कि कांग्रेस को RSS से किसी भी चीज की सीख लेने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें हमसे सीखना चाहिए. सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह के ट्वीट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. उनका कहना है कि 'गोडसे वाले संगठन से हमें कुछ भी सीखने की जरूरत नहीं है. हमें किसी से कुछ सीखने की जरूरत नहीं, बल्कि दूसरों को हमसे सीखना चाहिए.'
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पवन खेड़ा ने दिग्विजय सिंह से जताई असहमति
पवन खेड़ा ने दिग्विजय सिंह से स्पष्ट असहमति जताई. उन्होंने कहा, 'मैं दिग्विजय सिंह के बयान से बिल्कुल सहमत नहीं हूं.' उन्होंने यह भी जोड़ा कि 'गोडसे के समर्थक गांधी के समर्थक नहीं हो सकते और गोडसे का संगठन गांधी के संगठन को कुछ नहीं सिखा सकता.' पवन खेड़ा ने कहा कि विचारधारा के इस मूलभूत अंतर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
सचिन पायलट ने इसे स्वस्थ लोकतांत्रिक विमर्श बताया
सचिन पायलट ने इस पूरी बहस को कांग्रेस के भीतर सामान्य और स्वस्थ लोकतांत्रिक विमर्श बताया. उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस एकजुट है, देश को मजबूत विपक्ष की जरूरत है.' पायलट के अनुसार, पार्टी में मतभेद नहीं बल्कि विचार रखने की छूट है. उन्होंने कहा कि 'उनको जो कहना था कहा… हमारा लक्ष्य खड़गे और राहुल को मज़बूत करना है.'
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दिग्विजय सिंह ने कुछ गलत नहीं कहा- रजनी पाटिल
रजनी पाटिल ने दिग्विजय सिंह के बयान का बचाव करते हुए कहा कि 'दिग्विजय सिंह ने कुछ गलत नहीं कहा.' उन्होंने यह भी कहा कि संगठन को मजबूती देने की बात स्वाभाविक है और लोगों से अपील की कि आप ट्विस्ट मत करिए.
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दुश्मन की ताकत और अपनी ताकत के बारे में पता होना चाहिए- अलका लांबा
अलका लांबा ने राजनीतिक रणनीति के संदर्भ में कहा कि हमें दुश्मन की ताकत और अपनी ताकत के बारे में पता होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि यह लोकतंत्र है और हर व्यक्ति को अपनी राय रखने का अधिकार है. साथ ही उन्होंने RSS पर कठोर टिप्पणी करते हुए कहा, 'हम RSS की विचारधारा से बिल्कुल सहमत नहीं… वे ब्रिटिशरों के साथ खड़े थे.'
क्या था दिग्विजय सिंह का बयान?
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कल CWC बैठक शुरू होने से ठीक पहले सोशल मीडिया पर एक ऐसा पोस्ट किया था, जिसने राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज कर दी. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर साझा की है, जिसमें मोदी लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास बैठे नजर आते हैं.
दिग्विजय सिंह ने तस्वीर के साथ लिखा, 'RSS का जमीनी स्वयंसेवक और बीजेपी का जमीनी कार्यकर्ता नीचे बैठकर सीएम और पीएम बना… यह संगठन की शक्ति है.'
कुछ दिनों पहले कांग्रेस को दी थी नसीहत
इससे एक हफ्ते पहले 19 दिसंबर को दिग्विजय सिंह ने एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को सीधा संदेश देते हुए कहा था कि कांग्रेस पर ध्यान दीजिए. हमें व्यावहारिक विकेंद्रीकरण कार्यशैली की जरूरत है. मुझे उम्मीद है आप ऐसा करेंगे लेकिन समय यह है कि आपको मनाना आसान नहीं है.














