पिछले कुछ समय से क्रिप्टो करेंसी को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. भारत सरकार ने इस वर्ष के बजट में भी इसका जिक्र किया है. साथ ही देश में डिजिटल करेंसी लाने का भी ऐलान किया है. इस पर एनडीटीवी से बातचीत करते हुए वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि इसके बारे में 1 फरवरी को फैसला हो गया है. क्रिप्टो करेंसी को भारत में अनुमति नहीं है और ये आरबीआई द्वारा नियंत्रित नहीं है. लेकिन भारत सरकार डिजिटल करेंसी और डिजिटल रुपये लेकर आ रही है. जिस पर आरबीआई का नियंत्रण होगा और ये भारत सरकार की करेंसी होगी.
उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के ऊपर जो एसेट (संपत्ति) तैयार होगी, उस पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला हो चुका है, जो कि इस वर्ष के बजट में भी है. अभी डिजिटल बैंकिंग पर भारत सरकार ध्यान दे रही है और देश के 75 जिलों में डिजिटल बैंक की शाखाएं खुल जाएंगी. डिजिटल बैंक में डिजिटल करेंसी रहेगी, जिस पर आरबीआई का नियंत्रण रहेगा.
बता दें कि केंद्र सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि उसकी क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने की कोई योजना नहीं है. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि देश में अभी क्रिप्टोकरेंसीज रेगुलेटेड नहीं हैं. उनका कहना है, "रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) क्रिप्टोकरेंसी जारी नहीं करता. पेपर करेंसी के एक डिजिटल वर्जन को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) कहा जाता है."
उन्होंने एक अन्य जवाब में बताया कि RBI अभी CBDC लॉन्च करने के लिए स्ट्रैटेजी बना रहा है. इससे नकदी पर निर्भरता कम होगी और ट्रांजैक्शन की कॉस्ट घटेगी. चौधरी ने कहा कि नोटों की प्रिटिंग में कमी आ रही है. 2019-20 में 4,378 करोड़ रुपये के नोट प्रिंट किए गए थे और यह आंकड़ा 2020-21 में घटकर 4,012 करोड़ रुपये हो गया. एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि देश की वित्तीय स्थिति में कई पहलू शामिल होते हैं.
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