गांधी और गोडसे के चरित्र में जो अंतर है, वही अंतर हिंदू धर्म और हिंदुत्व में है: कांग्रेस

राष्ट्रपिता का अपमान करने के लिए ‘अज्ञानी सरकारी अदाकारा’ कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए तथा उनको मिले सभी राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लिये जाने चाहिए. 

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''राष्ट्रपिता का अपमान करने के लिए कंगना रनौतके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए''
नई दिल्ली :

कांग्रेस (Congress) ने हिंदुत्व को लेकर चल रही बहस के बीच गुरुवार को कहा कि महात्मा गांधी (Mahatama Gandihi) और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) के चरित्र में जो अंतर है, वही अंतर हिंदू धर्म और हिंदुत्व में है. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Gourav Vallabh) ने यह भी कहा कि राष्ट्रपिता का अपमान करने के लिए ‘अज्ञानी सरकारी अदाकारा' कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए तथा उनको मिले सभी राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लिये जाने चाहिए. वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस अज्ञानी सरकारी अदाकारा के बयान के दो कारण हो सकते हैं. एक कारण यह है कि उन्हें लिखकर दिया जा रहा है कि मुख्य मुद्दों पर से ध्यान भटकाओ. दूसरा कारण यह हो सकता है कि महात्मा गांधी को अपमानित किया जाए और गोडसेवादी ताकतों को आगे लाया जाए.'' उन्होंने इसे बड़ी साजिश करार दिया.

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह सरकारी अदाकारा रोजाना राष्ट्रपिता को अपमानित करती है, लेकिन पूरी सरकार चुप्पी साधे हुए है. हम यह कहना चाहते हैं कि हमें 1947 में नहीं मिली थी भीख, सरकारी अदाकारा तुम कर लो अपना दिमाग ठीक.''

उन्होंने दावा किया, ‘‘स्वयं सुभाष चंद्र बोस की पुत्री ने कहा है कि नेताजी सबसे ज्यादा सम्मान महात्मा गांधी का करते थे.''वल्लभ ने कहा, ‘‘इस अदाकारा के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और उनको दिए गए सभी पुरस्कार वापस लिये जाने चाहिए.'' गौरतलब है कि अभिनेत्री कंगना ने 1947 में मिली आजादी को ‘भीख' बताने वाली टिप्पणी के कुछ दिन बाद मंगलवार को दावा किया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस और सरदार भगत सिंह को महात्मा गांधी से कोई समर्थन नहीं मिला था. अभिनेत्री ने गांधी के अहिंसा के सिद्धांत का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि दूसरा गाल आगे बढ़ाने से आजादी नहीं ‘भीख' मिलती है.

कांग्रेस नेता वल्लभ ने हिंदुत्व को लेकर चल रही बहस की पृष्ठभूमि में कहा, ‘‘महात्मा गांधी ने जिस व्यवहार पर अमल किया है वह हिंदू धर्म है. गोडसे ने जिस व्यवहार पर अमल किया वह हिंदुत्व है. गोडसे ने गांधी को क्यों मारा? हिंदुत्व ने हिंदू धर्म को मारने की कोशिश क्यों की? क्योंकि गोडसे के हिंदुत्व का मतलब यही है कि जो सर्वधर्म समभाव की बात कर रहा है उसे गोली मारो. हिंदू धर्म तो सर्वधर्म समभाव की ही बात करता है, सबको अपनाने की बात करता है.''

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘गोडसे हिंदुत्व का उपदेशक है. हिंदू धर्म के उपदेशक हैं महात्मा गांधी. इन दोनों के चरित्र में जो अंतर है, वही अंतर हिंदू और हिंदुत्व में है. ये दोनों अपनी-अपनी विचारधारा के शिखर पुरुष हैं...जो गांधी है वह हिंदू है और जो गोडसे है वह हिंदुत्व है.'' वल्लभ ने कहा, ‘‘अब देश को तय करना है कि उसे गांधी के बताए हुए अहिंसा के मार्ग पर चलना है या फिर गोडसे के बताए हिंसा के मार्ग पर चलना है.''

कांग्रेस प्रवक्ता ने यह बयान उस वक्त दिया है जब पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पुस्तक को लेकर चर्चा हो रही है. राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व में अंतर है. दूसरी तरफ, सलमान खुर्शीद की पुस्तक में हिंदुत्व को लेकर की गई कथित टिप्पणी को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है.

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खुर्शीद की पुस्तक पर सीधी टिप्पणी नहीं करते हुए वल्लभ ने कहा कि भाजपा को बताना चाहिए कि क्या वह लालकृष्ण आडवाणी की इस बात से सहमत है कि मोहम्मद अली जिन्ना सबसे बड़े धर्मनिरपेक्ष थे? उन्होंने कहा कि भाजपा को आडवाणी, जसवंत सिंह और एम एस गोलवलकर की पुस्तकों को लेकर जवाब देना चाहिए.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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