एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती का पुनर्विकास करने वाली कंपनी धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (DRPPL) ने गुरुवार को माटुंगा के आरपीएफ मैदान में धारावी पुनर्विकास परियोजना का भूमि पूजन किया. सूत्रों ने बताया कि सेक्टर 6 क्षेत्र में आयोजित इस पूजन से रेलवे के स्टाफ क्वार्टर और कार्यालयों के निर्माण की शुरुआत हो रही है. धारावी पुनर्विकास टेंडर दस्तावेजों में तय अनिवार्यता के अनुसार यह भवन निर्माण के बाद सरकार को सौंप दिए जाएंगे.
धारावी के पुनर्विकास में तेजी लाने और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पात्र और अपात्र निवासियों का निर्धारण करने के लिए राज्य सरकार की ओर से घर-घर जाकर सर्वेक्षण पहले से ही चल रहा है.
राज्य सरकार और अदाणी समूह का संयुक्त उद्यम डीआरपीपीएल महाराष्ट्र सरकार द्वारा निर्धारित दिशा में आगे बढ़ रहा है. डीआरपीपीएल सन 2030 तक मुंबई को झुग्गी-मुक्त शहर बनाने के मिशन पर है.
घनी आबादी वाले धारावी के करीब 600 एकड़ के क्षेत्र का मानचित्रण इसके रीडेवलपमेंट के लिए महत्वपूर्ण है. यह काम पूरा होने में सात साल लगने की संभावना है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पात्र निवासियों को इस क्षेत्र में 350 वर्ग फुट का फ्लैट मिलेगा. पात्र नहीं पाए जाने वाले निवासियों को मुंबई में कहीं और फिर से बसाया जाएगा. यह महाराष्ट्र सरकार ऐसी पहली नीति है, जिसके तहत पात्र या अपात्र सभी लोगो को घर मिलेगा.
डीआरपीपीएल के एक सूत्र ने कहा कि गुरुवार का समारोह टेंडर की शर्तों के अनुरूप था. यह आधुनिक धारावी बनाने की समूह की प्रतिबद्धता की दिशा में पहला कदम भी था.
सूत्र ने कहा, "हम दुनिया की सबसे घनी आबादी वाली बसाहट में से एक का पुनर्विकास कर रहे हैं. हमने धारावीकरों को 'की टू की' एक्सचेंज प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें मौजूदा निवासियों को एक निश्चित समय सीमा के भीतर और अस्थायी आवास में स्थानांतरित किए बिना नए घरों की गारंटी दी गई है."
धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट भारत को टाउनशिप के पुनर्वास के मामले में वैश्विक मानचित्र पर ला खड़ा करेगा. धारावी के निवासियों को रसोई और शौचालय के साथ 350 वर्ग फुट के आधुनिक घर दिए जाएंगे. उन्हें उच्च श्रेणी की सड़कें, अस्पताल, स्कूल, खुली जगह जैसी सुविधाएं मिलेंगी. यह घर मुंबई में किसी भी अन्य झुग्गी पुनर्वास परियोजना की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक हैं.
धारावी के अपात्र निवासियों को दो उप-श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है. इसके तहत एक जनवरी, 2000 से एक जनवरी, 2011 तक के लोगों को स्वामित्व के आधार पर सस्ती कीमतों पर घर दिए जाएंगे.
2011 के बाद के किरायेदारों को राज्य सरकार की किफायती किराया आवास नीति के तहत घर दिए जाएंगे, जिसमें किराये पर खरीदने का विकल्प भी होगा. अपात्र निवासियों को मुंबई में बनाई जाने वाली आधुनिक टाउनशिप में आवास दिए जाएंगे.
डीआरपीपीएल के एक सूत्र ने बताया, "यह नई टाउनशिप अत्याधुनिक टाउनशिप होगी, जिसमें स्कूल, अस्पताल, बगीचे और अच्छी सड़कें होंगी." ध्यान देने की बात है कि सभी पात्र, गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों का पुनर्वास धारावी में ही किया जाएगा.
राज्य सरकार के एक सूत्र ने बताया कि डीआरपीपीएल आजीविका और व्यवसायों की सुरक्षा के लिए हरसंभव विकल्प पर विचार कर रही है.
डीआरपीपीएल के एक सूत्र ने कहा, "बेहतर बुनियादी ढांचे से व्यवसायों को अपने उद्यमों का विस्तार करने में मदद मिलेगी, जबकि कौशल और अपस्किलिंग केंद्र लोगों को नया ज्ञान प्राप्त करने, सीखने और अपनी कमाई की क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे. इसके अतिरिक्त, व्यवसायों को पांच वर्षों के लिए एसजीएसटी रिएंबर्समेंट का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी ग्रोथ और स्थिरता को और अधिक समर्थन मिलेगा."
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