धारावी पुनर्विकास योजना को मिला बल, स्थानीय निकाय ने सरकारी सर्वेक्षण का किया समर्थन

इस सर्वेक्षण में अब तक घर-घर जाकर 10,000 मकानों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि 21,000 से ज़्यादा मकानों की गिनती हो चुकी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
यह सर्वेक्षण 18 मार्च, 2024 को शुरू हुआ था.

एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी और इसके आसपास के निवासियों के एक नवगठित संघ ने राज्य सरकार के नेतृत्व में चल रहे अनौपचारिक बस्तियों के सर्वेक्षण को अपना समर्थन दिया है. इससे एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती के पुनर्वास को बढ़ावा मिलेगा. अदाणी समूह तीन अरब डॉलर की धारावी पुनर्विकास योजना पर काम कर रहा है. समूह का दावा है कि इस परियोजना से 10 लाख से अधिक निवासियों के जीवन में बदलाव आएगा.

धारावी निवासियों के नागरिक और समाज विकास कल्याण निकाय ने 30 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार की धारावी पुनर्विकास परियोजना/स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (डीआरपी/एसआरए) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एसवीआर श्रीनिवास को लिखे पत्र में कहा, “हम अनुरोध करते हैं कि सर्वेक्षण यथाशीघ्र कराया जाए ताकि पुनर्विकास कार्य बिना किसी देरी के आगे बढ़ सके.”

‘धारावी बनाओ आंदोलन' का नारा देने वाले नागरिक एवं समाज विकास कल्याण के प्रतिनिधियों ने श्रीनिवास से मुलाकात की और धारावी में किए जा रहे सर्वेक्षण में तेजी लाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा.

यह सर्वेक्षण 18 मार्च, 2024 को शुरू हुआ था. इस सर्वेक्षण में अब तक घर-घर जाकर 10,000 मकानों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि 21,000 से ज़्यादा मकानों की गिनती हो चुकी है. इसमें धारावी में रिहायशी, व्यावसायिक और धार्मिक इमारतें भी शामिल हैं.

घनी आबादी वाले धारावी के लगभग 600 एकड़ क्षेत्र का मानचित्रण पुनर्विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जिसे पूरा होने में सात साल लगने की संभावना है. परियोजना पूरी होने के बाद पात्र निवासियों को इस क्षेत्र में 350 वर्ग फुट का फ्लैट मिलेगा, जबकि पात्रता पूरी नहीं करने वाले निवासियों को मुंबई में कहीं और फिर से बसाया जाएगा.

‘3-डी मानचित्रण' विशेषज्ञ जेनेसिस इंटरनेशनल लिमिटेड इस क्षेत्र का मानचित्र तैयार करेगी, जबकि ब्रिटेन की परामर्शदाता कंपनी ब्यूरो हैपोल्ड लिमिटेड भौतिक अवसंरचना आवश्यकताओं की रूपरेखा तैयार करेगी तथा बोस्टन स्थित सासाकी एसोसिएट्स इंक समग्र पुनः डिजाइन की जिम्मेदारी संभालेगी.

Advertisement

धारावी निवासियों (धारावीकर के नाम से लोकप्रिय) ने भी श्रीनिवास से सर्वेक्षण प्रक्रिया का विरोध करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है.

संघ ने ज्ञापन में कहा, “हम अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे सर्वेक्षण में बाधा डालने वाले किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें. धारावी के सभी निवासियों के लाभ के लिए सर्वेक्षण की वैध और निर्बाध प्रगति सुनिश्चित करना आवश्यक है.”

Advertisement

प्रतिनिधिमंडल ने श्रीनिवास से कहा कि सर्वेक्षण प्रक्रिया में बाधा डालना न केवल पुनर्विकास प्रयासों के लिए हानिकारक है, बल्कि कानून का उल्लंघन भी है.

उन्होंने कहा, ‘‘कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी को भी सरकारी काम में बाधा डालने की अनुमति नहीं है.''

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

Featured Video Of The Day
Champai Soren EXCLUSIVE: शिबू सोरेन का साथ, Kolhan Seat पर NDTV से क्या बोले चंपई सोरेन?
Topics mentioned in this article