मिशन धराली तेज... जवानों को लेकर हेलीकॉप्टरों ने हर्षिल के लिए भरी उड़ान

उत्तरकाशी के अलग-अलग इलाकों में लगातार हो रहे लैंडस्लाइड की घटनाओं की वजह से कई रास्ते बंद हो गए हैं. रास्तों के बंद होने के कारण राहत और बचाव दल आगे नहीं बढ़ पा रहा है.

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  • उत्तराखंड में भूस्खलन और खराब मौसम के कारण धराली पहुंचने के लिए हवाई रास्ते का सहारा लिया गया है.
  • सेना और एनडीआरएफ के जवानों तथा जरूरी उपकरणों को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से हेलीपैड तक एयरलिफ्ट किया गया है.
  • नेशनल हाईवे पर पहाड़ टूटने से रास्ते बंद होने के कारण राहत कार्य और बचाव अभियान प्रभावित हो रहे हैं.
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धराली जाने वाले रास्ते पर भूस्खलन और खराब मौसम के बीच हवाई रास्ते से जवानों को पहुंचाने का फैसला किया गया है. उत्तराखंड सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के दो हेलीकॉप्टरों ने गुरुवार को सहस्त्रधारा हेलीपैड से हर्षिल के लिए उड़ान भरी. जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से सेना और एनडीआरएफ के जवानों और जरूरी उपकरणों को एयरलिफ्ट किया गया है. उम्मीद है कि इससे धराली में बचाव कार्य तेज होगा और लापता लोगों को खोजने के अभियान में मदद मिलेगी. दरअसल, नेशनल हाईवे पर भटवारी और गंगनानी के पास भरभराकर पहाड़ टूटने से रास्ते जाम हैं. ऐसे में एनडीआरएफ और सेना के जवान धराली तक नहीं पहुंच पा रहे थे.

आपको बता दें कि उत्तरकाशी में सैलाब के आए 40 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है. इन 40 घंटों में यहां रेस्क्यू ऑपरेशन ने रफ्तार नहीं पकड़ी है. इसकी एक सबसी बड़ी वजह है सड़कों पर लैंडस्लाइड और रुक-रुककर हो रही बारिश. उत्तरकाशी के अलग-अलग इलाकों में लगातार हो रहे लैंडस्लाइड की घटनाओं की वजह से कई रास्ते बंद हो गए हैं. रास्तों के बंद होने के कारण राहत और बचाव दल आगे नहीं बढ़ पा रहा है. एनडीआरएफ की कई टीमें अभी भी रास्ते में फंसी हैं. बगैर रास्ता साफ हुए और कोई भी धराली की तरफ नहीं बढ़ पा रहा है. बीआरओ और एनडीआरएफ की कई टीमें सड़क से मलबे को हटाने का काम कर रही है. 

रोपवे की मदद से हो रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

रेस्क्यू ऑपरेशन को चलाने और मलबे में जिंदगी की तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीम इमरजेंसी रोपवे बनाने में जुटी है. इस रोप वे की मदद से फंसे लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है. एनडीआरएफ के जवान इन जिपलाइन से दूसरी तरफ स्लाइड करके पहुंच रहे हैं. 

धराली में हुई बिजली की आपूर्ति

गंगवानी और आसपास के इलाकों में फिलहाल बिजली की आपूर्ति हो गई है लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरी तरह से शुरू करने में अभी दिक्कत आ रही है. बिजली के पहुंचने की वजह से वेल्डिंग काम, मशीन का संचालन और अन्य तकनीकी सुविधाएं शुरू करने की तैयारी की जा रही है. 

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