- उत्तरकाशी के धराली गांव में भारी लैंडस्लाइड के कारण सड़क, घर और पुल सब मलबे में दफ्न हो गए हैं.
- लगातार बारिश और मलबे के कारण NDRF और SDRF की कई टीमें राहत स्थल तक पहुंचने में असमर्थ हैं और रास्ते बंद हैं.
- ITBP, सेना और SDRF के जवान मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं और खोजी कुत्तों व रडार की मदद ली जा रही है.
उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार को कुदरत का ऐसा कहर देखने को मिला जिसने पूरे गांव की तस्वीर ही बदलकर रख दी. इस घटना के बाद 40 घंटे बाद गांव का जो नजारा अब दिख रहा है वो बेहद डराने वाला है. हर तरफ मलबे का ढेर है. मौके पर ITBP के जवान तो मौजूद हैं लेकिन इलाके में जगह-जगह हुए लैंडस्लाइड के कारण NDRF और SDRF की कई टीमें तमाम कोशिशों के बाद भी हादसे वाली जगह तक अभी तक नहीं पहुंच पाई है.
अपनों की तलाश में स्थानीय लोग
अपनों की तलाश में स्थानीय लोग गंगवानी पास के पास पहुंचे हैं. यहां से धराली गांव बेहद करीब है. लोग यहां से धराली में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले रहे हैं और इस उम्मीद हैं कि उन्हें लापता हुए अपनों के बारें में कोई जानकारी मिलेगी.
रोपवे की मदद से हो रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
रेस्क्यू ऑपरेशन को चलाने और मलबे में जिंदगी की तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीम इमरजेंसी रोपवे बनाने में जुटी है. इस रोप वे की मदद से फंसे लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है. एनडीआरएफ के जवान इन जिपलाइन से दूसरी तरफ स्लाइड करके पहुंच रहे हैं.
धराली में हुई बिजली की आपूर्ति
गंगवानी और आसपास के इलाकों में फिलहाल बिजली की आपूर्ति हो गई है लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरी तरह से शुरू करने में अभी दिक्कत आ रही है. बिजली के पहुंचने की वजह से वेल्डिंग काम, मशीन का संचालन और अन्य तकनीकी सुविधाएं शुरू करने की तैयारी की जा रही है.