आपबीती: धराली में लापता भाई... अब कैसे बांधूंगी राखी, रक्षाबंधन पर छलका बहन का दर्द

5 अगस्त को आई प्राकृतिक आपदा के बाद से धराली इलाके में अभी भी कुछ लोगों के लापता होने की आशंकाएं हैं. उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि आपदा स्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, फायर और राजस्व की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं.

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उत्तराखंड के धराली इलाके में अब तक 367 लोगों का रेस्क्यू हो चुका है
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  • उत्तराखंड के धराली गांव में बादल फटने के तीन दिन बाद भी इलाके से संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है.
  • भारतीय सेना और अन्य एजेंसियां युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन कर 367 लोगों को सुरक्षित निकाल चुकी हैं.
  • बादल फटने से घायल कई लोगों को उत्तरकाशी जिला अस्पताल से ऋषिकेश एम्स में स्थानांतरित किया गया है.
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Uttarakhand Cloudburst: धराली आपदा के तीन दिन बीत जाने के बाद भी धराली गांव से संपर्क नहीं हो पाया है. कई लोगों के परिजन अभी भी धराली में फंसे हुए हैं. भारतीय सेना तेजी से रेस्क्यू कर रही है. लोग हेलीकॉप्टर में बैठ कर धराली जा रहे हैं, ताकि वहां अपनों को खोज सके या पहचान कर सके. एक महिला से NDTV ने बात की, महिला ने कैमरे पर रोते हुए अपने भाई के खोने के बारे में बताया. ये महिला बस इस उम्मीद में है कि उसे उसका भाई सही सलामत मिल जाएं. रक्षाबंधन पर अपने भाई की किलाई पर राखी बांध सके.

बादल फटने से घायल हुए कुछ लोगों को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में उन्हें ऋषिकेश एम्स में रेफर कर दिया गया है. इस त्रासदी में घायल हुए एक मरीज ने अमरदीप सिंह ने बताया कि मैं अपने कैंप में लेटा हुआ था. अचानक से ही धमाके की आवाज आई. मुझे लगा कि आर्मी की ओर से कोई शूटिंग की गई होगी, क्योंकि आमतौर पर आर्मी की ओर से इस तरह की शूटिंग की जाती है. लेकिन, जब मैं बाहर निकला, तो पता लगा कि यह बादल फटने की आवाज थी. हम लोग बहुत मुश्किल से भागकर अपनी जान बचा पाने में सफल हुए. वह बहुत ही भयावह मंजर था. हमारे जवानों ने पूरी कोशिश की कि सभी को बचाया जाए.

एक अन्य मरीज गोपाल ने बताया कि मैं यहीं का रहने वाला हूं. मैं आर्मी के साथ काम करता हूं. हम कुछ लोग वहीं थे, जब बादल फटा थाय. हमने कई लोगों को रेस्क्यू किया. हमें तो खुद के बारे में नहीं पता है कि हम लोग कैसे बचे.

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अब तक 367 लोग रेस्क्यू हुए

बता दें कि उत्तराखंड के धराली इलाके में अब तक 367 लोगों का रेस्क्यू हो चुका है. पिछले दिनों धराली में बादल फटने के बाद पहाड़ों से आए सैलाब ने तबाही मचाई थी. कई घर ध्वस्त हो गए और इस दौरान सैकड़ों लोग इस इलाके में फंसे थे. फिलहाल, युद्धस्तर पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए 367 लोगों को निकाला गया है. उत्तराखंड में मौसम साफ होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन ने रफ्तार पकड़ी है. चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाई जा रही है. भारी मशीनरी व रसद सामग्री वहां भेजी जा रही है. एमआई 17 समेत 8 निजी हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू में जुटे हैं. इनकी मदद से 112 लोगों को एयरलिफ्ट कर देहरादून पहुंचाया गया.

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5 अगस्त को आई प्राकृतिक आपदा के बाद से धराली इलाके में अभी भी कुछ लोगों के लापता होने की आशंकाएं हैं. उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि आपदा स्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, फायर और राजस्व की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं. आपदाग्रस्त क्षेत्र में फंसे लोगों को सुबह से हेली के माध्यम से आईटीबीपी मातली पहुंचाने का सिलसिला निरंतर जारी है.

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