धामरा LNG टर्मिनल पूरी तरह से प्रवर्तकों के पैसे से बनाया गया : सूत्र

सूत्रों ने कहा, अदाणी समूह की ओडिशा के धामरा में एलएनजी आयात इकाई के निर्माण में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों आईओसी और गेल की ओर से कोई वित्त उपक्रम या गारंटी नहीं दी गई है

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नई दिल्ली:

अदाणी समूह ने ओडिशा के धामरा में एलएनजी आयात इकाई का निर्माण पूरी तरह से प्रवर्तकों की वित्त सहायता से किया है. इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों आईओसी और गेल की ओर से कोई वित्त उपक्रम या गारंटी नहीं दी गई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने इस मुद्दे पर समूह की यथास्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) और गेल इंडिया लिमिटेड ने नवनिर्मित टर्मिनल पर गुजरात के दहेज में स्थित ऐसी ही लेकिन पुरानी और इससे भी सस्ती इकाई से कम दरों पर किराए पर ली है.

यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने हाल ही में वित्त सहायता तथा निश्चित मूल्य पर गैस खरीदने की प्रतिबद्धताओं पर बनाई जा रही धामरा इकाई पर कथित टिप्पणियां की थीं. मोइत्रा नकदी के बदले संसद में सवाल करने से संबंधित मामले में लोकसभा आचार समिति की जांच का सामना कर रही हैं.

सूत्रों ने मोइत्रा के दावे के जवाब में कहा कि धामरा एलएनजी टर्मिनल की परियोजना लागत 6,450 करोड़ रुपये है. मोइत्रा ने दावा किया था कि तरल रूप में प्राकृतिक गैस (LNG) का आयात करने के लिए टर्मिनल का निर्माण आईओसी द्वारा तमिलनाडु के एन्नोर में समान आकार की इकाई से कहीं अधिक लागत पर किया गया है, जिसकी निर्माण लागत 5,000 करोड़ रुपये थी.

सूत्रों ने कहा कि आईओसी और गेल द्वारा कर्ज या परियोजना के दौरान नकदी या बैंक गारंटी के रूप में कोई राशि नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना को पूरी तरह से धामरा एलएनजी टर्मिनल के शेयरधारकों द्वारा इक्विटी और ऋण द्वारा वित्तपोषित किया गया है. उन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया कि आईओसी और गेल ने 46,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.

आईओसी ने 2015 में पश्चिम बंगाल के हल्दिया और ओडिशा के पारादीप में अपनी रिफाइनरियों के लिए गैस आयात करने के लिए टर्मिनल की 50 लाख टन प्रति वर्ष क्षमता का 60 प्रतिशत तक उपयोग करने के लिए हस्ताक्षर किए थे. गेल ने भी टर्मिनल की 15 लाख टन क्षमता के लिए हस्ताक्षर किए थे.

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सूत्रों ने दावा किया कि धामरा एलएनजी टर्मिनल के शुल्क (पोर्ट शुल्क सहित) और उसकी वाणिज्यिक शर्तें प्रतिस्पर्धी बेंचमार्किंग के जरिए तय की गईं.

सूत्रों ने बताया कि दहेज स्थित भारत की सबसे बड़ी एलएनजी टर्मिनल का संचालन करने वाली पेट्रोनेट एलएनजी का उपयोग शुल्क और वाणिज्यिक शर्तों के बेंचमार्किंग के रूप में किया गया था. पेट्रोनेट एलएनजी का स्वामित्व आईओसी, गेल, बीपीसीएल और ओएनजीसी के पास है.

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उन्होंने कहा कि दहेज एलएनजी टर्मिनल शुल्क की तुलना में धामरा के शुल्क1.5 प्रतिशत कम है (46.49 रुपये प्रति टन या 45 लाख टन एलएनजी क्षमता के उपयोग पर 21 करोड़ रुपये सालाना) और इसमें बेहतर वाणिज्यिक शर्तें भी हैं.

हालांकि, मोइत्रा ने धामरा के शुल्क की तुलना एन्नोर से की थी जिसे कुछ समय पहले ही चालू किया गया था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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