उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को UCC बिल पेश करेगी धामी सरकार

विधानसभा में भाजपा के पास बहुमत है. इसलिए यूसीसी के विधेयक का पारित होना तय माना जा रहा है. भाजपा के सदन में 47 विधायक हैं. साथ ही उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है. 

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मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यूसीसी के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी गई थी. (फाइल)
देहरादून :

उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्य सरकार समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर विधेयक पेश करेगी. कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के बाद यह फैसला किया गया है. देश में यूसीसी को लेकर विधेयक लाने वाला उत्तराखंड पहला राज्‍य है. सदन में विधेयक का पारित होना तय माना जा रहा है, क्‍योंकि सदन में भाजपा के पास बहुमत है. वहीं मध्‍य प्रदेश और गुजरात सरकार भी उत्तराखंड की तर्ज पर यूसीसी पर विधेयक लाने वाली हैं. 

यूसीसी पर चार खंडों और 740 पृष्ठों के ड्राफ्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी को सौंपा था, जिसके बाद उत्तराखंड कैबिनेट ने रविवार को यूसीसी के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी थी. यूसीसी को लेकर 2 लाख 33 हजार लोगों ने अपने विचार दिए थे. ड्राफ्ट में करीब 10 फीसदी परिवारों के विचारों को सम्मिलित किया गया है. 

सदन में भाजपा के पास बहुमत है. इसलिए यूसीसी के विधेयक का पारित होना तय माना जा रहा है. भाजपा के सदन में 47 विधायक हैं. साथ ही उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है. 

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महिला केंद्रित बताया जा रहा है ड्राफ्ट 

UCC ड्रॉफ्टिंग कमेटी ने 72 बैठकें की हैं. सूत्रों के मुताबिक, ड्राफ्ट में पारंपरिक रीति रिवाज से छेड़छाड़ नहीं की गई है और यह पूरा ड्राफ्ट महिला केंद्रित बताया जा रहा है. साथ ही संभावना जताई जा रही है कि इससे बहुविवाह पर रोक लगेगी. 

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जनजातियों को रखा UCC से बाहर

सूत्रों के मुताबिक, विधेयक में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने का फैसला हो सकता है. वहीं लिव इन रिलेशनशिप के लिए डिक्लेरेशन और रजिस्टर जरूरी होगा. साथ ही उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर हिस्‍सा मिलेगा. वहीं सूत्रों के मुताबिक, जनजातियों को UCC से बाहर रखा गया है. उत्तराखंड में 4 फीसदी जनजातियां हैं. 

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सूत्रों ने कहा कि UCC ड्राफ्ट में शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा. गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और मुस्लिम महिलाओं को गोद लेने का अधिकार मिलेगा. साथ ही सूत्रों ने कहा कि ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी. तलाक के लिए पति-पत्नी दोनों को समान आधार मिलेगा. उन्‍होंने कहा कि तलाक का आधार पति-पत्नी दोनों पर होगा लागू होगा और हलाला और इद्दत पर रोक लगेगी. 

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