इंडिगो संकट के बीच जहां देश में यात्री परेशान हो रहे हैं, इसी बीच सरकार की एक रिपोर्ट ने सभी को हैरानी में डाल दिया है. दरअसल देश में सिविल एविएशन सेक्टर की निगरानी करने वाली प्रमुख संस्था नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) में तकनीकी अधिकारियों की भारी कमी बनी हुई है. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि DGCA में तकनीकी अधिकारियों के कुल 1,063 स्वीकृत पदों में से 494 पद खाली पड़े हैं. यह आंकड़ा कुल स्वीकृत पदों का लगभग 46.47% है.
कर्मचारियों की कमी
इससे पहले अगस्त, 2025 में अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसे के बाद परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय समिति ने संसद में पेश अपनी "नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सुरक्षा की समग्र समीक्षा" रिपोर्ट में कहा था कि DGCA में अप्रभावी रिक्रूटमेंट मॉडल की वजह से तकनीकी कर्मचारियों की गंभीर कमी है और इसे दूर करने के लिए उसे पूर्ण प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता देना जरूरी है.
सदीय समिति की पुरानी चेतावनी
समिति ने आगाह किया था कि भर्ती और ट्रेनिंग क्षमता में तालमेल की कमी और काम के अत्यधिक बोझ की वजह से देश के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए लगातार खतरा पैदा हो रहा है.संसदीय समिति ने इस समस्या को दूर करने के लिए DGCA को पूर्ण प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता देने की सिफारिश भी की थी, जिसे पिछली विशेषज्ञ समितियों ने भी उठाया था, लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं निकल पाया है.
कम हुआ इंडिगो संकट
बीते दिन से देश में हवाई यात्रा पटरी पर लौटती हुई नजर आ रही है. इंडिगो एयरलाइंस की रद्द होने वाली फ्लाइट्स में कमी आई है. हालांकि, अभी भी हजारों यात्री परेशान हो रहे हैं.














