महाराष्‍ट्र में 'कलंक' पर कलह : उद्धव ठाकरे के आरोप पर फडणवीस का पलटवार, गडकरी भी जुबानी जंग में कूदे

उद्धव ठाकरे के जुबानी हमले का जवाब देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट के जरिए दिया है. उन्‍होंने पलटवार करते हुए बताया कि कलंक क्या होता है? और कलंक का पीलिया होने पर उद्धव ठाकरे को इलाज की भी सलाह दी है. 

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उद्धव ठाकरे के जुबानी हमले का जवाब देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट के जरिए दिया है. (फाइल)
मुंबई :

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नेताओं के बीच तल्‍ख बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागपुर में आयोजित एक सभा में भाजपा नेता और राज्‍य के उपमुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को 'नागपुर का कलंक' बता दिया है. इस पर देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को एक ट्वीट के जरिए 'कलंक' का मतलब समझाया है. उद्धव ठाकरे की टिप्‍पणी के बाद बीजेपी आक्रामक हो गई है. नितिन गडकरी ने जहां उद्धव ठाकरे की निंदा की है, वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नागपुर एयरपोर्ट के पास लगा उद्धव ठाकरे का बैनर फाड़ दिया.

उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस के गृह क्षेत्र नागपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "भाजपा नेता नागपुर पर एक ‘कलंक' हैं, क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह NCP के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा किया.” इस दौरान ठाकरे ने फडणवीस का पुराना ऑडियो क्लिप चलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कभी NCP से हाथ नहीं मिलाएंगे. ठाकरे ने यह वीडियो चलाते हुए कहा था कि भाजपा नेता की “ना का मतलब हां” होता है. 

उद्धव ठाकरे के जुबानी हमले का जवाब देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट के जरिए दिया है. उन्‍होंने पलटवार करते हुए बताया कि कलंक क्या होता है? और कलंक का पीलिया होने पर उद्धव ठाकरे को इलाज की भी सलाह दी है. 

उन्‍होंने ट्वीट किया, "कलंक का पीलिया : 1) गोबर खाने के आरोपी के साथ पंक्तिबद्ध होकर भोजन करना कलंक कहलाता है!
 2) हमारे हृदय में बसने वाले हिंदू हृदय सम्राट आदरणीय बाला साहेब ठाकरे को जनाब कहना बर्दाश्त करना कलंक कहलाता है!
 3) सुबह, दोपहर, शाम वीर सावरकर का अपमान करने वालों के साथ बैठने को कलंक कहते हैं!
 4) सुबह वीर सावरकर का अपमान करने वालों के साथ रात में गले मिलना, इसे कलंक कहते हैं!
 5) जिन पर राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, उसी के द्वारा पुलिस के जरिए वसूली करवाना कलंक कहलाता है!
 6) जब पुलिस बल में पार्टी का कार्यकर्ता किसी उद्योगपति के घर के सामने विस्फोटक रखने के बाद उसका समर्थन करता है और उसे बचाने के लिए ये पूछना कि क्या वो लादेन है? इसे कलंक कहा जाता है!
 7) कोरोना के दौरान जब मुंबई में लोग मर रहे थे तो बॉडी बैग में भी घोटाला, इसे कलंक कहते हैं!
 8) लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में बैठे बिना लोकतंत्र की खोखली बकवास करना कलंक कहलाता है!

लेकिन, अगर खुद दागदार हों तो दूसरे भी दागदार नजर आने लगते हैं. लेकिन जब कलंक का पीलिया हो, तो एक बार इसका इलाज करवाएं उद्धवजी!"

उद्धव ठाकरे का बयान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पसंद नहीं आया. इसे लेकर गडकरी ने ट्वीट किया, “नागपुर में श्री देवेन्द्र जी के बारे में श्री उद्धव ठाकरे का बयान निंदनीय है. राजनीतिक भाषा गिर चुकी है. उन्हें हमारी सरकार के दौरान किए गए विकास कार्यों और उनके द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा करनी चाहिए, लेकिन इस तरह से इतने निचले स्तर के व्यक्तिगत आरोप लगाना महाराष्ट्र की संस्कृति के अनुरूप नहीं है.”

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