देवरिया के सांसद, डीएम, एसपी और सीडीओ चारों ही IIT पास आउट, एक साथ मिल बदलेंगे जिले की सूरत

यूपी के देवरिया में गजब इत्तेफाक देखने को मिल रहा है, जहां जिले के सभी शीर्ष पदों पर आईआईटियन्स तैनात हैं. ऐसे में देवरिया के लोग अपने जिले में बड़े बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं.

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देवरियां में गजब संयोग
देवरिया:

इसे महज एक इत्तेफाक कहे या सरकार की विकास की मंशा. यूपी के देवरिया जिले मे एक ऐसा सयोंग बना कि सांसद, जिलाधिकारी, पुलिस आधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी चारों ही आईआईटी से ताल्लुक रखते हैं. देवरिया जिले के सदर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी 1986 बैच से दिल्ली से आईआईटी की परीक्षा पास की और लंदन में जाकर नौकरी करने लगे फिर अपने वतन वापस आकर राजनीति मे भाग्य आजमाया और सांसद बन गए. उन्होंने कहा कि मेरे आईआईटियन्स होने का लाभ जनपद को मिलेगा. हमने आईआईटी से कठिन परिश्रम करना और देश के प्रति निष्ठा और समर्पण की भावना सीखा है. डी. एम., एस.पी, और सी.डी.ओ के साथ ताल मेल कर के जिले का विकास किया जायेगा.

जिलाधिकारी ने आईआईटी के बाद की विदेश में नौकरी

जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने दिल्ली से 2001 से 2005 तक आईआईटी किया. उन्होंने कहा इसके बाद मेरे मन मे था कि मैं एम.बीए. करूंगी और आई. आई. एम, बेंगलुरु  से एम. बी. ए की . मैने लंदन ( विदेश) मे नौकरी की फिर मेरे मन मे वतन वापस आकर कुछ करने की इच्छा हुई. बीटेक और एम. बी. ए करते समय मैंने कभी नहीं सोचा था कि आई.ए.एस. बनूंगी और 2013 बैच मे आई. ए. एस. बनी. इस  समय एक सयोंग है कि सांसद, डी. एम., एस.पी,सी. डी. ओ. सभी आईआईटियन है इन सबका लाभ जनपद को मिलेगा.

आईआईटियन संकल्प शर्मा बने आईपीएस

पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने 2003 मे रुड़की से आईआईटी किया और फिर एम. टेक करने के बाद एक दोस्त की प्रेरणा से आई.पी.एस. बनने के बारे मे सोचा. फिर 2012 बैच मे आई. पी. एस बन गए. उन्होंने कहा कि ये चारो पद महत्वपूर्ण है लेकिन कभी भी मेरे मन में ऐसी बात नहीं आई जिससे काम करने मे दिक्कत हुई हो. बल्कि एक फील्ड में होने से काम करना आसान होता है एक फील्ड के होने से और बेहतर तरीके से आदमी काम कर लेता है.

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मुख्य विकास अधिकारी का भी आईआईटी से ताल्लुक

मुख्य विकास अधिकारी प्रत्युश पाण्डेय ने 2013 -2017 तक आईआईटी कानपुर से बीटेक किया फिर 2017 से 2019 तक आई.आई.एम अहमदाबाद से एम. बी.ए. किया. उन्होंने कहा कि हर किसी को पहले से ही अपना लक्ष्य तय करना पड़ता  है आईटी सेक्टर मे जो काम किया जाता है उसके प्रयोग इस क्षेत्र मे बहुत अच्छे तरीके से आदमी कर सकता है. आज कल सरकार की जितनी स्कीम है वो सब ऑनलाइन है. इसलिए हम बेहतर डेटा का इस्तेमाल कर काम कर सकते हैं, हमारे सीनियर आई. टी. सेक्टर के होने की वजह से हमेशा मदद करते हैं.

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