दिल्ली में कोरोना के बाद डेंगू का बढ़ता प्रकोप, मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भी नहीं मिल रहे बेड

2020 में अब तक डेंगू के महज 395 मामले थे. जो कि इस साल यानि 2021 में बढ़कर 723 तक जा पहुंचे हैं. वहीं इस साल सितंबर में जहां डेंगू के मरीजों की तादाद 217 थी तो महज 16 अक्टूबर तक ही 382 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं.

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प्राइवेट अस्पतालों तक के इमरजेंसी वार्ड मरीजों से भरे नजर आ रहे हैं
नई दिल्ली:

दिल्ली-NCR में डेंगू (Dengue Cases in Delhi) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. दिल्ली में अब तक 800 से ज्यादा डेंगू के मरीज आ चुके हैं और एक महिला की मौत भी हो चुकी है. वहीं डेंगू (Dengue) के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों की व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है. चाहे सरकारी हो या प्राइवेट, सभी अस्पतालों (Hospitals) में बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं. आलम यह है कि प्राइवेट अस्पतालों तक के इमरजेंसी वार्ड मरीजों से भरे नजर आ रहे हैं. साथ ही अस्पतालों में बेड की कमी भी होने लगी है. सरकारी आकंड़ों पर ध्यान दें तो 2020 में अब तक डेंगू के महज 395 मामले थे. जो कि इस साल यानि 2021 में बढ़कर 723 तक जा पहुंचे हैं. वहीं इस साल सितंबर में जहां डेंगू के मरीजों की तादाद 217 थी तो महज 16 अक्टूबर तक ही 382 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं.

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अस्पतालों में लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर भी डेंगू के प्रकोप से नहीं बच सके हैं. 59 साल की विमला जैन जो कि पेशे से सरकारी डाक्टर 59 हैं, डेंगू से बीमार हैं. कमजोरी इतनी है कि खड़ी तक नहीं हो सकतीं. जिसके चलते वह प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज कराने पहुंचीं, लेकिन वार्ड में इनके लिए बेड नहीं मिला. जिसके चलते उन्हें फिलहाल एक अस्थाई बेड दिया गया है. उनका कहना है कि उन्हें चार दिन से बुखार है और बार-बार उल्टी हो रही है, पेट में दर्द है के साथ कमजोरी भी बहुत हो गई है. ये हालात प्राइवेट अस्पताल के हैं. सरकारी अस्पतालों की तस्वीर और भी परेशान करने वाली है. 

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल जैसे सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों का दबाव बढ़ गया है. लिहाजा मरीजों का इलाज कहीं स्ट्रेचर पर तो कहीं खिड़की के सहारे ड्रिप लटका कर किया जा रहा है। यहां दिल्ली के ही नहीं, उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों के मरीज बड़ी तादात में आ रहे हैं. मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. यहां यूपी के अलीगढ़ से इलाज कराने आए एक मरीज ने बताया कि वह पिछले साल 24 घंटे से बैठे हैं और डाक्टर का इंतजार कर रहे हैं. उनके जिले में इलाज अच्छा नहीं हो रहा था, इसलिए यहां आए थे, लेकिन अब यहां भी ठीक से इलाज नहीं हो रहा है.

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आईएमए वित्त सचिव डा. अनिल गोयल का कहना है कि डेंगू से हालात खराब हैं. अस्पतालों में सबसे ज्यादा बुखार और डेंगू के मरीज आ रहे हैं. 70 फीसदी मरीजों का दाखिला अस्पतालों में बुखार और डेंगू के कारण हो रहा है. इससे बचाव यही है कि आसपास पानी इकट्ठा न होने दें. ऐसा करने से मच्छर का प्रजनन रोकना है. डेंगू का ये मच्छर सुबह शाम ज्यादा काटता है, इसका भी आपको ध्यान रखना है. डेंगू के लक्षणों में बुखार के साथ, उल्टी, शरीर में चकत्ते, कमजोरी और ब्लड प्रेशर लो होना है. ऐसा होने पर तुरंत डेंगू का टेस्ट कराकर डाक्टर को दिखाना चाहिए.

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