दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 'सुल्ली डील्स' ऐप मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. ‘नीलामी' के लिए कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें इस ऐप पर डाली गई थीं. सूत्रों ने रविवार को बताया कि ओंकारेश्वर ठाकुर (26) पर दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. यह धारा, सरकार के खिलाफ अपराधों और ऐसे अपराध करने के लिए आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने से संबद्ध है.
पुलिस को इस धारा के तहत आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी की जरूरत थी. ठाकुर ने कथित तौर पर ‘सुल्ली डील्स' ऐप और ‘सुल्ली डील्स' ट्विटर हैंडल बनाया था. उल्लेखनीय है कि यह ऐप बनाने का मकसद मुस्लिम महिलाओं और मुस्लिम समुदाय का अपमान करना था. ठाकुर ने मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित आईपीएस एकेडमी से ‘बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस' (बीसीए) की पढ़ाई की है. ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को ‘नीलामी' के लिए डाला गया था और उनकी तस्वीरें उनकी इजाजत के बगैर हासिल की गई थीं तथा फोटो में छेड़छाड़ की गई थी.
पुलिस ने सात जुलाई 2021 को इस सिलसिले में एक मामला दर्ज किया था. ठाकुर को इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था. एक सूत्र ने कहा, “उपराज्यपाल का मानना है कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है और इसलिए उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है.”ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने कहा था कि आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह ट्विटर पर एक समूह का सदस्य था और उसने मुस्लिम महिलाओं को बदनाम और ‘ट्रोल' करने का विचार वहां साझा किया था.
अधिकारी ने कहा,“ठाकुर ने गिटहब पर कोड विकसित किया. गिटहब तक समूह के सभी सदस्यों की पहुंच थी. उसने अपने ट्विटर अकाउंट पर ऐप को साझा किया था. मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को समूह के सदस्यों ने अपलोड किया था.” जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ‘एट द रेट गैंगेसाइअल' हैंडल का इस्तेमाल करके जनवरी 2020 में ट्विटर पर ‘ट्रेडमहासभा' नाम के समूह में शामिल हुआ था.
पुलिस ने कहा था कि समूह पर विभिन्न चर्चाओं के दौरान सदस्यों ने मुस्लिम महिलाओं को ‘ट्रोल' करने की बात कही थी. पुलिस ने नीरज बिश्नोई (21) से पूछताछ के दौरान ठाकुर के बारे में जानकारी जुटाई थी. माना जाता है कि बिश्नोई 'बुल्ली बाई' ऐप का निर्माता और कथित सरगना है.
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