दमघोंटू हुई हवा, दिल्ली में ‘ग्रैप' का दूसरा चरण लागू, जानें क्या-क्या रहेंगी पाबंदियां

एयर पॉल्यूशन के बढ़ने के बाद  Graded Response Action Plan (GRAP) लागू की जाती है. ग्रैप का पहला चरण AQI 201 से 300 तक रहता है. दूसरा चरण AQI 301 से 400 तक रहता है. फिर तीसरा चरण AQI 401 से 450 तक रहता है. अगर AQI 450 से ज्यादा हो गया तो ग्रैप-4 लागू हो जाता है.

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नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली की स्थिति दयनीय है. जहरीली, प्रदूषित और दमघोंटू हवा से दिल्लीवासी काफी परेशान हैं. लोगों को सांस लेने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर के बीच क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के दूसरे चरण को सोमवार को लागू कर दिया है. देखा जाए तो अभी दिवाली आई भी नहीं है और स्थिति बदतर हो चुकी है. इस आर्टिकल में पूरे मामले को आसानी से समझते हैं.

क्या होता है ग्रैप?

एयर पॉल्यूशन के बढ़ने के बाद  Graded Response Action Plan (GRAP) लागू की जाती है. ग्रैप का पहला चरण AQI 201 से 300 तक रहता है. दूसरा चरण AQI 301 से 400 तक रहता है. फिर तीसरा चरण AQI 401 से 450 तक रहता है. अगर AQI 450 से ज्यादा हो गया तो ग्रैप-4 लागू हो जाता है.हालांकि इसके अलावा इसे लागू सरकार की तरफ से ही लागू की जाती है. जब तक सरकारी आदेश लागू नहीं होते हैं तब तक इसे लागू नहीं किया जाता है. इसके तहत कई तरह के प्रतिबंध होते हैं. 

ग्रैप-2 क्या है?

देखा जाए तो दिल्ली की स्थिति भयावह है. ग्रैप-2 के जरिए सरकार ने कोयले और लकड़ी जलाने के साथ-साथ डीजल जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना के संचालन के लिए केंद्र की उप-समिति मंगलवार को सुबह आठ बजे से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संशोधित ग्रैप के चरण द्वितीय के अनुसार 11-सूत्री कार्य योजना लागू करेगी.

ग्रैप के दूसरे चरण में क्‍या रहेंगी पाबंदियां 

ग्रैप के दूसरे चरण में कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं. इसके तहत अस्पतालों, रेल और मेट्रो सेवाओं को छोड़कर अन्य जगहों पर डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाता है. रोजाना सड़कों की साफ-सफाई और पानी का छिड़काव किया जाता है. साथ ही कोयले और लकड़ी जलाने पर भी रोक रहेगी. 

राजधानी की हवा अब शरीर में जहर घोलने लगी है. हम यह बात यूं ही नहीं कह रहे हैं. जरा मंगलवार सुबह 6 बजे दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट्स की हवा का हाल क्या था, और उसमें कौन सा जहर कितना घुला था, जरा नीचे दी गई टेबल में देखिए. और चिंता की बात यह है आने वाले दिनों में राहत की कोई उम्मीद नहीं है.  

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य की व्यापक समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया. इसमें कहा गया है कि निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए ग्रैप के दूसरे चरण के तहत शहर में पार्किंग शुल्क भी बढ़ाया जाएगा.

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  1. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली में दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 310 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब' श्रेणी में आता है.
  2. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और आईआईटी मद्रास के पूर्वानुमान के अनुसार, प्रतिकूल मौसमी और जलवायु परिस्थितियों के कारण आने वाले दिनों में दिल्ली का दैनिक औसत एक्यूआई ‘बहुत खराब' श्रेणी (301 से 400 के बीच) में रहने की आशंका है.

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति ने वायु गुणवत्ता परिदृश्य का जायजा लेने के लिए सोमवार को बैठक की.

  1. इसमें कहा गया है, “वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयास के तहत ग्रैप के संचालन के लिए उप-समिति ने पूरे एनसीआर में संशोधित ग्रैप के चरण-द्वितीय के अनुसार 11 सूत्री कार्य योजना लागू करने का निर्णय लिया है.”
  2. वक्तव्य में जीआरएपी के अंतर्गत उपायों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार एजेंसियों से कहा गया कि वे ग्रैप के चरण द्वितीय का सफल और सख्त कार्यान्वयन सुनिश्चित करें.
  3. इस अवधि के दौरान आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाएगी, जैसे चिकित्सा सेवाएं, रेलवे सेवाएं, मेट्रो और एमआरटीएस सेवाएं, हवाई अड्डे और अंतर-राज्यीय बस टर्मिनल.

इसके तहत लागू होने वाले प्रतिबंधों में कोयले और लकड़ी जलाने पर रोक रहेगी जो होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूर पर भी लागू होगी. साथ ही डीजल जनरेटर सेट (आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर) का उपयोग भी प्रतिबंधित है.

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