यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आया, भारी वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध हटा

अब यमुना का जलस्तर केवल वार्निंग लेवल 204.50 से ऊपर है. उधर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि अभी वे रिलीफ कैंप में ही रहें, क्योंकि यमुना के जलस्तर में लगातार बदलाव हो रहा है.

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8 दिन बाद यमुना का पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया है.

नई दिल्ली:

दिल्ली में मंगलवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है. दोपहर 3 बजे यमुना का पानी 205.46 मीटर रिकॉर्ड किया गया. शाम 6:00 बजे यमुना का जलस्तर 205.40 मीटर था. वहीं, रात 8 बजे यमुना का पानी 205.30 मीटर दर्ज हुआ. 10 जुलाई को शाम 5:00 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 को पार कर गया था. अब 8 दिन बाद पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया है.

अब यमुना का जलस्तर केवल वार्निंग लेवल 204.50 से ऊपर है. उधर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि अभी वे रिलीफ कैंप में ही रहें, क्योंकि यमुना के जलस्तर में लगातार बदलाव हो रहा है.

इस बीच दिल्ली में भारी वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध वापस लिया गया. बाढ़ की स्थिति में सुधार और यमुना के घटते जल स्तर को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. 

वहीं, डेंगू और अन्य वेक्टर बॉर्न डिज़ीज़ की आशंका के मद्देनज़र दिल्ली के स्कूलों के लिए आदेश जारी किए गए हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य और फ्लड कंट्रोल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग और नगर निगम के लिए जारी आदेश में कहा कि डेंगू और मौसमी बीमारियों को देखते हुए बच्चों को फुल स्लीव शर्ट, ट्राउजर/स्कर्ट पहनाकर स्कूल भेजा जाए. 

सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि पिछले हफ्ते 39 डेंगू केस रिपोर्ट हुए और इस पूरे साल में 163 केस सामने आ चुके हैं. इस अवधि में 2020 और 2021 की तुलना में यह काफ़ी ज़्यादा है. जलभराव का हवाला देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि डेंगू के मच्छर इस सीजन में ज़्यादा सक्रिय होते हैं. ये ज़्यादातर घुटने और कोहनी में काटते हैं, इसलिए बच्चों को इनसे सुरक्षित रखना सुनिश्चित किया जाए.