दिल्ली में बढ़ती गर्मी और यमुना के घटते जलस्तर की वजह से राजधानी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने लगी है. दिल्ली के कई इलाकों बढ़ते जल संकट की वजह से आम लोगों की परेशानी बढ़ती दिख रही है. ऐसे में अगर आने वाले दिनों में जल संकट को दूर नहीं किया गया तो इससे पूरी दिल्ली एक-एक बूंद के लिए तरस सकती है. मामले की गंभीरता को समझते हुए कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश पारित किया था. कोर्ट ने अपने आदेश में हिमाचल सरकार से दिल्ली के लिए पानी छोड़ने की बात कही थी. साथ ही हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वह हिमाचल प्रदेश द्वारा दिल्ली के लिए जो पानी भेजा जा रहा है उसे बगैर किसी बाधा के दिल्ली के लिए छोड़ दें.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हिमाचल प्रदेश से जो पानी दिल्ली आना है उसे मुनक नहर की मदद से दिल्ली पहुंचाया जाएगा. ऐसे में दिल्लीवालों की प्यास बुझाने के लिए मुनक नहर की महत्ता और बढ़ गई है. आज हम आपको मुनक नहर कब बना, ये कहां से कहां तक जाती है जैसी इससे जुड़ी कई अहम जानकारी देने जा रहे हैं. आइये जानते हैं मुनक नहर से जुड़ी अहम बातें...
मुनक नहर को बनाने का कार्य 2003 में शुरू हुआ था जो 2012 मं बनकर तैयार हुआ. इसे हरियाणा सरकार ने बनाया था. यह नहर करनाल जिले में यमुना का पानी लेकर खूबरू और मंडोर बैराज से होकर दिल्ली के हैदरपुर पहुंचती है. मुनक नहर की कुल लंबाई 102 किलोमीटर की है.
मुनक नहर का पानी रोकते ही दिल्ली के बड़े इलाके पर पड़ता है असर
अगर मुनक नहर के पानी को किसी वजह से ही भी रोक दिया जाए तो इससे दिल्ली के एक बड़े हिस्से में पानी की कमी हो जाती है. कुछ साल पहले जब नहर के एक हिस्से के टूटने की वजह से पानी को रोका गया था तो दिल्ली के कई इलाकों में जल संकट पैदा हो गया था.
मुनक नहर से पानी चुराते दिखे थे टैंकर माफिया
एनडीटीवी ने बीते दिनों रिपोर्ट दिखाई थी कि किस तरह से जो पानी मुनक नहर के रास्ते दिल्ली की तरफ बढ़ रहा है उसे टैंकर माफिया कैसे चुरा रहे हैं. इस खबर के सामने आने के बाद दिल्ली सरकार ने इसकी शिकायत उप-राज्यपाल से की थी. उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले की गंभीरता को समझते हुए टैंकर माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुनक नहर इलाके में दिल्ली पुलिस की तैनाती कर दी थी. अब इस इलाके में दिल्ली पुलिस के जवान लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को दिया था आदेश
दिल्ली में पानी के बढ़ते संकट को देखते हुए कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को एक विशेष आदेश दिया था. इस आदेश में कहा गया था कि हिमाचल प्रदेश सरकार राष्ट्रीय राजधानी के लिए 137 क्यूसेक अतिरिक्त जल छोड़े. साथ ही कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह दिल्ली तक पानी पहुंचाने को आसान बनाए. हिमाचल के सीएम सुक्खू ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमने पानी छोड़ दिया है. हमने वकीलों से कहा है कि वे इस बारे में शीर्ष अदालत को सूचित करें.” हिमाचल सीएम ने कहा कि पानी हरियाणा से होकर दिल्ली जाएगा और "हमने अपना पानी नहीं रोका है.”
राजधानी दिल्ली को कहां-कहां से मिलता है पानी
दिल्ली में पानी की आपूर्ति यमुना नदी से (हरियाणा की तरफ से), गंगा नदी से (उत्तर प्रदेश की तरफ से) और भाखरा नांगल (पंजाब से) होता है. 2023 की एक रिपोर्ट की अगर बात करें तो दिल्ली को को हर दिन यमुना से करीब 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से करीब 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा नांगल से करीब 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था. यानी 2023 में दिल्ली को कुल 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था. जबकि 2024 में यह आंकड़ा 96.9 करोड़ गैलन हो गया है.