कुछ हफ़्ते पहले, दिल्ली के श्मशान घाट चौबीसों घंटे कोविड -19 (Covid-19) से मरे लोगों के दाह संस्कार के लिए काम कर रहे थे. अब शॉपिंग मॉल और बाजार फिर से गुलजार हो गए हैं. लेकिन डॉक्टर इस बात से चिंतित हैं कि भारत जनवरी और फरवरी की तरह फिर से सावधानी बरतने में निराश कर रहा है, ठीक वैसे ही जब विनाशकारी कोरोनोवायरस की दूसरी लहर आई थी और देश की स्वास्थ्य प्रणाली लगभग ध्वस्त हो गई थी.
दिल्ली के व्यस्त सेलेक्ट सिटी वॉक मॉल में अपने पति के साथ खरीदारी करने के दौरान कपड़ों का एक बैग पकड़े नवविवाहिता सुरीली गुप्ता ने कहा कि वह "लॉकडाउन के दौरान घर के अंदर बंद रहकर' तंग आ चुकी थी. सुरीली ने कहा, "मुझे इस ब्रेक की ज़रूरत थी, आप कब तक बंद रह सकते हैं?" 26 वर्षीय सेल्स एग्जीक्यूटिव ने एएफपी को बताया कि वह मॉल के पैक्ड फूड हॉल में एक टेबल का इंतजार कर रही हैं.
सुरीली ने कहा, "कोरोनावायरस अब जाने वाला नहीं है, इसलिए सभी को इसके साथ रहने के लिए सीखना होगा. मुझे यकीन है कि सभी लोगों का टीकाकरण करने के साथ, हम ठीक हो जाएंगे."
इनके पीछे वीकेंड पर उमड़ी एक भारी भीड़ डोसा और चीनी नूडल्स पर बातें कर रहे थे और हँसी मजाक कर रहे थे. बीच-बीच में, सामाजिक दूरी का पालन करने और हमेशा मास्क पहनने की सार्वजनिक घोषणा हो रही थी, जो उन्हें इस बारे में याद दिला रहे थे.
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एक दंपत्ति के चेहरे पर मास्क लगा था और वे लोकप्रिय बर्गर जॉइंट पर कतार में खड़े थे. मॉल के कर्मचारी उनके शरीर का तापमान जांच कर रहे थे और लोगों को हैंड सैनिटाइज करने के लिए याद दिला रहे थे.
थोड़ी ही दूर पर लाजपात नगर मार्केट के दुकानदारों ने स्टालों को आगे तक खुली हवा में बढ़ा दिया था, जहां खरीरदार स्कार्फ, चूड़ियों और सस्ते सौंदर्य प्रसाधनों के लिए सौदेबाजी कर रहे थे. बाजार के दूसरे कोने में खाद्य विक्रेताओं के जीवंत व्यापार दोबारा शुरू हो चुके थे, जो कुलचे-छोले बेच रहे थे. उनकी दुकानों पर भी ग्राहक मास्क लगाए व्यंजन का आनंद ले रहे थे.
अपनी मां के साथ बाजार आई 21 वर्षीया कॉलेज छात्रा प्रेरणा जैन ने बताया, "मैं आज नहीं आती लेकिन यह बहुत जरूरी था क्योंकि मेरे चचेरे भाई की शादी हो रही है और मुझे कुछ सामान खरीदने की ज़रूरत है. मुझे पता है कि यह अभी तक सुरक्षित नहीं है लेकिन मैं क्या कर सकती हूँ? यह (शादी) भी उतना ही महत्वपूर्ण है."