दिल्ली की एक अदालत ने कारागार महानिदेशक से बृहस्पतिवार को उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें दिल्ली दंगों की कथित साजिश से संबंधित मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को हथकड़ी लगाकर पेश किये जाने की एक विभागीय जांच कराने का अनुरोध किया गया है. कानून के अनुसार, किसी विशेष आदेश के बिना किसी आरोपी को हथकड़ी नहीं लगाई जा सकती.
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आदेश की एक प्रति पुलिस आयुक्त को भेजने का निर्देश दिया है. पुलिस आयुक्त को एक जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस बात की जांच कराकर रिपोर्ट देनी होगी कि खालिद को गुरुवार को हथकड़ी लगाकर लाया गया था या नहीं. यदि, हां तो किस आदेश पर. अदालत ने खालिद के वकील द्वारा दायर एक अर्जी पर यह आदेश पारित किया.
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