AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को SC से नहीं मिली राहत, आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार

AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन खिलाफ दर्ज मामले में शिकायतकर्ता ने कहा है कि वह अपनी छत से दंगाइयों को भड़काने का काम कर रहा था.

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नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट (SC) से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने दंगों पर दर्ज तीन प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) में आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. ताहिर की दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका खारिज कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी मामला हाईकोर्ट के विचाराधीन है. हमें हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला है. दरअसल, सितंबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ उत्तरपूर्वी दिल्ली में 2020 के दंगों में उनकी संलिप्तता पर दर्ज तीन FIR के संबंध में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद हुसैन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके उनके खिलाफ दर्ज तीनों FIR को रद्द करने की मांग की थी. इनमें से दो FIR दयालपुर पुलिस स्टेशन में और तीसरी खजूरी खास पुलिस स्टेशन में दंगा और शस्त्र अधिनियम सहित आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी.

ताहिर के वकील ने कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए किया आवेदन

 ताहिर के वकील ने उनके खिलाफ दायर कई FIR के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए एक आवेदन भी दिया था, जिसमें आग्रह किया गया था कि याचिकाकर्ता को एक ही घटना के संबंध में पुलिस द्वारा नए सिरे से जांच के अधीन नहीं किया जा सकता है.

तेजवीर सिंह नाम के व्यक्ति की शिकायत पर मामला दर्ज

दरअसल, तेजवीर सिंह नाम के व्यक्ति की शिकायत पर AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता ने कहा कि दिल्ली दंगे से पहले पूरा परिवार उनकी भतीजी की शादी की तैयारियों में जुटा हुआ था. उनकी भतीजी की शादी करावल नगर रोड पर स्थित 'भरत वाटिका' में होने वाली थी, जिसे दंगाइयों ने तहस-नहस कर दिया.तेजवीर ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि शादी भवन को पूरी तरह बर्बाद करने के बाद दंगाइयों ने वहां से करीब 62 हजार रुपये भी लूट लिए थे.

ताहिर हुसैन पर दिल्ली में हुए दंगे को भड़काने का आरोप

इस मामले को लेकर तेजवीर का कहना है कि ताहिर हुसैन कथित तौर पर इस दंगे को बढ़ावा दे रहा था. वह अपनी छत से दंगाइयों को भरत वाटिका में पत्थर और पेट्रोल बम फेंकने में मदद कर रहा था. वहीं, ताहिर हुसैन ने याचिका दायर कर इस केस को रद्द किए जाने की मांग की थी.
 

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