दिल्ली दंगा : अदालत ने गवाहों के ‘सीडीआर’ सुरक्षित रखने का अनुरोध वाली याचिका खारिज की

दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों से जुड़े षड्यंत्र के मामले में जेएनयू की छात्रा और ‘पिंजड़ा तोड़’ मुहिम की सदस्य नताशा नरवाल की एक याचिका खारिज कर दी.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
अदालत ने नताशा नरवाल की याचिका खारिज कर दी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों से जुड़े षड्यंत्र के मामले में जेएनयू की छात्रा और ‘पिंजड़ा तोड़' मुहिम की सदस्य नताशा नरवाल की एक याचिका खारिज कर दी. उन्होंने पुलिस अधिकारियों समेत सभी गवाहों के मोबाइल नंबरों, कस्टमर एप्लिकेशन फॉर्म और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) को सुरक्षित रखने के लिए निर्देश का अनुरोध किया था.अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नरवाल मामले को विषय से अलग ले जाना चाहती हैं क्योंकि उन्होंने कई गवाहों के समूचे सीडीआर को मुहैया कराने का अनुरोध किया है और किसी खास तारीख या मौके का जिक्र नहीं किया है.

अदालत ने कहा कि इसमें गोपनीयता का भी मुद्दा है. अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिका पर विचार करते समय यह भी ध्यान रखना होता है कि पुलिस अधिकारियों और उनके मुखबिरों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी हैं. याचिका में पुलिस अधिकारियों समेत सभी 26 गवाहों के ‘कॉल डिटेल रिकार्ड' को सुरक्षित रखने का अनुरोध किया गया था. वकील अदित एस पुजारी के जरिए दाखिल याचिका में दावा किया गया कि यह मानने के कई कारण हैं कि गवाह प्रदर्शन स्थल पर मौजूद नहीं थे, जैसा कि उनके बयानों में संकेत दिया गया है. याचिका में आरोप लगाया गया कि बयान दर्ज करने की असल तारीख के काफी पहले गवाहों को कई बार स्पेशल सेल थाने में बुलाया गया था. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
US Elections 2024: Trump और Harris के भविष्य का फैसला मतपेटियों में बंद होना शुरू
Topics mentioned in this article