- दिल्ली के लाल किले के पास एक धीमी गति से चल रही कार में हुए विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गई है.
- विस्फोट स्थल पर NIA और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के अधिकारी जांच और साक्ष्य संग्रह के लिए मौजूद हैं_
- विस्फोट के बाद दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, मुंबई, जयपुर और उत्तराखंड में हाई अलर्ट जारी कर सुरक्षा बढ़ाई गई.
सोमवार को दिल्ली के लाल किले के करीब हुए एक कार ब्लास्ट से राष्ट्रीय राजधानी दहल गई है. वहीं ब्लास्ट साइट के पास एक एक जिंदा बुलेट मिलने से हलचल मच गई है. इस ब्लास्ट में आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. वहीं ब्लास्ट के बाद कई गाड़ियों में भी आग लग गई. दिल्ली के पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने बताया कि लाल किले के ट्रैफिक सिग्नल के पास एक धीमी गति से चल रही कार में ब्लास्ट हुआ है.
NIA अधिकारी पहुंचे साइट पर
उन्होंने बताया, 'वाहन में यात्री सवार थे.' राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के जांचकर्ता विस्फोट स्थल पर पहुंच गए हैं. लाल किला पुरानी दिल्ली के एक भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित है जहां रोजाना हजारों लोग आते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह से बात की है और स्थिति की जानकारी ली है. अमित शाह ने दिल्ली पुलिस आयुक्त और खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन डेका से भी बात की है.
ब्लास्ट के बाद पूरे हाई अलर्ट
इस विस्फोट के बाद दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, मुंबई, जयपुर और उत्तराखंड के अधिकारियों ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. ब्लास्ट साइट से परेशान करने वाले दृश्य आ रहे हैं. जमीन पर पड़े शव, शरीर के कटे हुए अंग और क्षतिग्रस्त कारें दिखाई दे रही थीं. उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी एके मलिक ने कहा, 'हमने तुरंत कार्रवाई की और सात इकाइयाँ मौके पर भेजी गईं. शाम 7:29 बजे आग पर काबू पा लिया गया.' ब्लास्ट के कुछ ही क्षणों बाद, उस इलाके में अभूतपूर्व संख्या में पुलिस और सुरक्षाकर्मी तैनात हो गए, जहां साल भर पर्यटकों की भारी आवाजाही रहती है.
अमित शाह भी पहुंचे ब्लास्ट वाली जगह
घटना के कुछ घंटों बाद शाह वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और चिकित्सकों के साथ अस्पताल में घायलों से मिले. उन्होंने अस्पताल के कई वार्डों का दौरा किया और घायलों से बातचीत की. विस्फोट के तुरंत बाद गृह मंत्री ने स्थिति का जायजा लेने के लिए दिल्ली पुलिस प्रमुख और खुफिया ब्यूरो के निदेशक से बात की. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और फोरेंसिक विज्ञान के प्रमुखों को भी विस्फोट स्थल पर विशेषज्ञ दल भेजने का निर्देश दिया ताकि जांच में सहायता मिल सके और साक्ष्य एकत्र किए जा सकें.













