संसद से शुरू होते ही दिल्ली पुलिस ने विपक्ष का मार्च रोका, ED कार्यालय जा रहे थे, अब Appointment मांगा

लंदन में पार्टी नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर विवाद का जिक्र करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "और अगर कोई बहस, सेमिनार में इन चीजों के बारे में बात करता है, तो उसे राष्ट्र-विरोधी कहा जाता है."

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18 विपक्षी दलों के नेताओं के मार्च को दिल्ली पुलिस ने आज दोपहर संसद से शुरू होते ही रोक दिया.

नई दिल्ली:

18 विपक्षी दलों के नेताओं के मार्च को दिल्ली पुलिस ने आज दोपहर संसद से शुरू होते ही रोक दिया. यह सभी विपक्षी नेता अडाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए दबाव बनाने और सत्तारूढ़ भाजपा पर राजनीतिक लक्ष्यों के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का आरोप लगाने के लिए दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय तक मार्च करने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, मार्च से पहले, दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए और प्रदर्शनकारी नेताओं को ईडी कार्यालय की ओर बढ़ने से रोकने के लिए एक बड़ी टुकड़ी तैनात कर दी.

"...फिर लोकतंत्र की बात करते हैं"
विपक्ष के नेता आगे नहीं बढ़ सके तो उन्होंने मार्च वापस ले लिया और संसद में लौट आए. उन्होंने कहा कि उन्होंने ईडी से मिलने का समय मांगा है और कहा कि वे जल्द ही एक संयुक्त शिकायत पत्र जारी करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद मीडिया से कहा, "उन्होंने हमें यहां रोका है. हम 200 लोग हैं और कम से कम 2,000 पुलिसकर्मी हैं. वे हमारी आवाज दबाना चाहते हैं और फिर वे लोकतंत्र की बात करते हैं." लंदन में पार्टी नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "और अगर कोई बहस, सेमिनार में इन चीजों के बारे में बात करता है, तो उसे राष्ट्र-विरोधी कहा जाता है."

ममता और पवार की पार्टी नहीं हुई शामिल
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आज मार्च में शामिल नहीं हुईं. आपको बता दें कि अमेरिकी रिसर्च कंपनी ने हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर कई आरोप लगाए थे. हालांकि, अडाणी समूह ने उसके सभी आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें "दुर्भावनापूर्ण", "आधारहीन" और "भारत पर सुनियोजित हमला" बताया था. स्टॉक क्रैश से उत्पन्न मुद्दों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों की छह सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति को एक समग्र मूल्यांकन का काम सौंपा गया है, जिसमें निवेशकों को अधिक जागरूक बनाने और शेयर बाजारों के लिए नियामक उपायों को मजबूत करने के उपाय सुझाने हैं. अडाणी समूह ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया है. अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने यहां तक कहा कि "इससे सच सामने आ जाएगा."

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जेपीसी की कर रहे मांग
विपक्षी दलों के एक वर्ग ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत किया. वहीं कांग्रेस सहित अन्य ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांच पर जोर दिया. जेपीसी जांच की विपक्ष की मांग और लंदन में राहुल गांधी की टिप्पणी पर केंद्र सरकार के आक्रामक होने के कारण संसद में गतिरोध बना हुआ है. बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले तीन दिनों में लगातार व्यवधान और बार-बार स्थगन देखा गया है.

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