पूजा खेडकर ने पहचान बदलकर दी थी UPSC की परीक्षा, माता-पिता का नाम भी बदला; FIR दर्ज

यूपीएससी की जांच में सामने आया है कि पूजा ने जालसाजी कर अपने डॉक्यूमेंट बदले और नियमों के मुताबिक तय अटेम्प्ट से ज्यादा बार यूपीएससी की परीक्षा दी.

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नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने IAS पूजा खेडकर के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है. यूपीएससी (UPSC) ने इसको लेकर शिकायत दर्ज की थी. यूपीएससी ने पूजा खेडकर पर फर्जी पहचान के आधार पर सिलेक्ट होने का आरोप लगाया था. पूजा खेड़कर पर जालसाजी, फोर्जरी, डिसएबिलिटी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

यूपीएससी की जांच में सामने आया है कि पूजा ने जालसाजी कर अपने डॉक्यूमेंट बदले और नियमों के मुताबिक तय अटेम्प्ट से ज्यादा बार यूपीएससी की परीक्षा दी. इसके लिए पूजा खेडकर ने अपना नाम, माता-पिता का नाम, सिग्नेचर, ईमेल आईडी, फोटोग्राफ, मोबाइल नंबर, पिता का नाम और घर का पता बदला था.

आरोप है कि पूजा खेडकर ने विकलांगता प्रमाण पत्र ही नहीं, माता-पिता का नाम और पता भी फर्जी दिया था. UPSC की जांच में ये बात सामने आई कि पूजा खेडकर ने न सिर्फ माता-पिता का नाम बल्कि मोबाइल नंबर, घर का पता, ईमेल आईडी तक की गलत जानकारी दी.

पूजा खेडकर ने परीक्षा नियमों से धोखाधड़ी करके अनुचित लाभ उठाया
यूपीएससी ने बताया कि पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के गलत आचरण की विस्तृत और गहन जांच की गई है. इस जांच से ये पता चला है कि उसने अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी फोटो/हस्ताक्षर, अपनी ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर फर्जी पहचान बनाकर परीक्षा नियमों से धोखाधड़ी करके अनुचित लाभ उठाया.

यूपीएससी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है
धोखाधड़ी सामने आने के बाद यूपीएससी ने उसके खिलाफ कार्रवाई की एक श्रृंखला शुरू की है, जिसमें पुलिस अधिकारियों के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करके आपराधिक अभियोजन शामिल है और सिविल सेवा की उसकी उम्मीदवारी को रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया है.

दरअसल संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से बर्खास्त करने की प्रक्रिया के तौर पर पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है. यही नहीं, नियमों के अनुसार भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से वंचित किया जाना भी शामिल है.

संघ लोक सेवा आयोग ने कहा कि अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में, यूपीएससी अपने संवैधानिक जनादेश का सख्ती से पालन करता है और बिना किसी समझौते के उचित परिश्रम के उच्चतम क्रम के साथ सभी परीक्षाओं सहित अपनी सभी प्रक्रियाओं का संचालन करता है. यूपीएससी ने अत्यंत निष्पक्षता और नियमों के सख्त पालन के साथ अपनी सभी परीक्षा प्रक्रियाओं की पवित्रता और अखंडता सुनिश्चित की है.

यूपीएससी परीक्षा की विश्वसनीयता बरकरार रखने को लेकर प्रतिबद्ध
आयोग ने कहा कि यूपीएससी ने जनता, विशेषकर उम्मीदवारों से बहुत उच्च स्तर का विश्वास और विश्वसनीयता अर्जित की है. आयोग ये सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट रूप से प्रतिबद्ध है कि विश्वास और विश्वसनीयता का ऐसा उच्च क्रम बरकरार रहे और समझौता न किया जाए.

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पूजा खेडकर पिछले काफी दिनों से विवादों में घिरी हुई हैं. हाल ही में उनकी ट्रेनिंग भी रद्द कर दी गई थी. दरअसल पूजा का सलेक्शन कोटे के तहत हुआ था. जिसके बाद सवाल उठने लगे कि क्या मानसिक रूप से बीमार उम्मीदवार कोटे के तहत IAS बन सकता है.

पुणे के जिलाधिकारी दुहास दिवासे ने राज्य के मुख्य सचिव से शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया. पूजा अपने तल्ख तेवर की वजह से पहले ही चर्चा में थीं बाद में उन पर IAS की नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का आरोप लगने लगा.

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