दिल्ली-हांगकांग कनेक्शन: मोबाइल टावर के RRU चोरी गैंग का पुलिस ने किया भंडाफोड़

चोरी किए गए उपकरणों को कार्गो के जरिए हांगकांग भेजा जाता था और फिर चीन में बेचा जाता था. 23 अगस्त को क्राइम ब्रांच की टीम ने न्यू जाफराबाद, दिल्ली में रेड की और दो आरोपियों जाहिद और चंदरकांत उर्फ अतुल को गिरफ्तार किया.

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  • दिल्ली पुलिस ने मोबाइल टावर से चोरी हुए महंगे Remote Radio Units के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश किया
  • इस कार्रवाई में तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए और तीस चोरी किए गए RRUs बरामद किए गए हैं
  • चोरी किए गए RRUs को दिल्ली, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और पश्चिमी यूपी से चुराकर हांगकांग भेजा जाता था
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नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मोबाइल टावर से चोरी होने वाले महंगे Remote Radio Units (RRUs) के इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और 30 चोरी किए गए RRUs बरामद किए गए हैं.

 पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह दिल्ली, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और पश्चिमी यूपी में मोबाइल टावरों से RRU चोरी कर रहा था. चोरी किए गए उपकरणों को कार्गो के जरिए हांगकांग भेजा जाता था और फिर चीन में बेचा जाता था. 23 अगस्त को क्राइम ब्रांच की टीम ने न्यू जाफराबाद, दिल्ली में रेड की और दो आरोपियों जाहिद और चंदरकांत उर्फ अतुल को गिरफ्तार किया. इनके पास से 10 RRUs बरामद हुए. पूछताछ में पता चला कि ये चोरी दिल्ली, आंध्र और राजस्थान से हुई थी.

इसके बाद पुलिस ने तीसरे आरोपी समीर उर्फ मोहम्मद आफताब को मालवीय नगर से पकड़ा. उसकी निशानदेही पर महिपालपुर स्थित एक गोदाम से 20 RRUs मिले, जिन्हें हांगकांग भेजा जाना था. चोरी में मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन का ठेकेदार भी शामिल था, जिसके पास तकनीकी जानकारी थी.

चोरी किए गए RRU बस या टेम्पो से दिल्ली लाए जाते. दिल्ली से इन्हें कार्गो एजेंट्स के जरिए फर्जी कागज़ात पर “Amplifiers” बताकर हांगकांग भेजा जाता था. वहां से ये उपकरण चीन पहुंचकर महंगे दामों पर बिकते थे.

कौन हैं आरोपी

  • चंदरकांत उर्फ अतुल – आठवीं तक पढ़ा, पहले नाई की दुकान पर काम करता था, बाद में समीर से जुड़कर RRU की पैकिंग और टेस्टिंग करने लगा.
  • जाहिद – बारहवीं पास, पहले भाई की दुकान पर काम करता था, फिर समीर के कहने पर चोरी के माल को छिपाने और लोडिंग-अनलोडिंग का काम करने लगा.
  • समीर उर्फ मोहम्मद आफताब – कोलकाता का रहने वाला, दिल्ली में रहकर यह पूरा नेटवर्क चला रहा था. उसने हांगकांग जाकर नेटवर्क बनाया था और अब तक सैकड़ों चोरी किए गए RRU चीन भेज चुका है.

इस कार्रवाई से 16 अलग-अलग राज्यों में हुई RRU चोरी के केस सुलझ गए हैं. बरामद किए गए कई उपकरण दिल्ली, राजस्थान और यूपी से चोरी हुए साबित हुए हैं. डीसीपी (क्राइम ब्रांच) विक्रम सिंह ने कहा यह सफलता हमारी टीम की लगातार निगरानी और मेहनत से मिली है. इंटरस्टेट और इंटरनेशनल स्तर पर फैले इस रैकेट का भंडाफोड़ करना बड़ी उपलब्धि है.

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