दिल्ली : ब्लैक फंगस का नकली इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का खुलासा, 3000 इंजेक्शनों के साथ 2 डॉक्टरों समेत 10 अरेस्ट

ये गैंग अब तक 400 से ज्यादा नकली इंजेक्शन बेच चुकी है, 250 का इंजेक्शन 12,000 रुपये तक बेचते थे.

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आरोपियों में दो डॉक्टर भी शामिल हैं.
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो ब्लैक फंगस के नकली इंजेक्शन बनाकर बेच रहे थे. इनके पास से 3000 से ज्यादा नकली इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. 2 डॉक्टरों सहित कुल 10 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. निजामुद्दीन पश्चिम इलाके में बने एक घर में जब क्राइम ब्रांच ने छापा मारा तो बड़े पैमाने पर नकली इंजेक्शन का जखीरा मिला. वहां से कुल 3284 इंजेक्शन बरामद किए गए, जिनमें से ज्यादातर इंजेक्शन ब्लैक फंगस की बीमारी में काम आने वाली दवा लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बी के थे ,जबकि कुछ इंजेक्शन रेमडेसिविर के थे, इनमें कुछ इंजेक्शन एक्सपायर हो चुके थे, जबकि बाकी इंजेक्शन सामान्य फंगस में काम आने वाली दवा से बनाये गए थे.

पुलिस के मुताबिक 7 जून को दिल्ली सरकार के ड्रग्स कंट्रोल विभाग से शिकायत मिली की इस तरह नकली इंजेक्शन मिल रहे हैं, उसके बाद अलग-अलग जगहों से इस गिरोह के 10 लोगों को पकड़ा गया. जामिया नगर से डिलीवरी बॉय वसीम खान पकड़ा गया, फिर अल खिदमत मेडिकोज का मालिक शोएब खान और उसके सेल्समैन मोहम्मद फैज़ल यासिन और अफ़ज़ल पकड़े गए. मयंक तलूजा जो इंजेक्शन का पैसा लेने आया था वो भी पकड़ा गया. शोएब खान ने बताया कि वो ये इंजेक्शन साकेत में मेडीज़ हेल्थकेयर के मालिक शिवम भाटिया से लाता था. शिवम भाटिया को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

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फिर शिवम ने बताया कि वो ये इंजेक्टशन आफताब नाम के शख्स से लाता है. आफताब को निज़ामुद्दीन से जबकि उसके बड़े भाई अल्तमस हुसैन को देवरिया से पकड़ा गया. इसके बाद मेडीज़ हेल्थकेयर का मालिक डॉक्टर आमिर और डॉयरेक्टर फैजान पकड़ा गया. 

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आमिर ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया है, जबकि फैजान ने बीटेक की है. डॉक्टर अल्तमश ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और फिर एम्स से न्यूरोलॉजी में डिप्लोमा किया है. वो ठगी के 5 केसों में गिरफ्तार हो चुका है. पुलिस अब जांच कराएगी कि ये इंजेक्शन कितने खतरनाक थे. इसके साथ ही पुलिस इनकी मेडिकल डिग्री की भी जांच कराएगी. ये गैंग अब तक 400 से ज्यादा नकली इंजेक्शन बेच चुकी है, 250 का इंजेक्शन 12,000 रुपये तक बेचते थे.

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