कनाडा में रहने वाले आतंकवादी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला द्वारा संचालित गिरोह के पांच सदस्यों को सोमवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने दावा किया कि ये लोग पंजाबी गायक एली मंगत को मारने की योजना बना रहे थे. अर्शदीप का प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) से संबंध है और वह हत्या, जबरन वसूली, लक्षित हत्याओं तथा आतंकी मॉड्यूल चलाने जैसे जघन्य अपराधों के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और पंजाब पुलिस को वांछित है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों की पहचान राजप्रीत सिंह, वीरेंद्र सिंह, सचिन भाटी, अर्पित धनखड़ और सुशील प्रधान के रूप में हुई है. उन्होंने कहा कि राजप्रीत और वीरेंद्र को दिल्ली के मयूर विहार में एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया, जिसमें वीरेंद्र को पैर में गोली लग गई. अधिकारियों ने कहा कि दोनों पंजाबी गायक एली मंगत को मारने की योजना बना रहे थे. अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों ने अक्टूबर में पंजाब के बठिंडा में एक प्रयास किया था, लेकिन असफल रहे क्योंकि गायक घर पर नहीं थे.
पुलिस ने कहा कि उनके पास से दो रिवॉल्वर, 13 कारतूस, एक हथगोला और चोरी की एक मोटरसाइकिल जब्त की गई है. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार दोनों बदमाशों द्वारा किए गए खुलासे के आधार पर गिरोह को रसद मुहैया कराने वाले तीन लोगों-सचिन भाटी, अर्पित धनखड़ और सुशील प्रधान को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
उन्होंने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि केटीएफ का आतंकवादी अर्शदीप सिंह दिल्ली-एनसीआर में कुछ बड़े आतंकी हमलों और लक्षित हत्याओं की साजिश कर रहा है. अधिकारियों के अनुसार, रविवार को सूचना मिली थी कि अर्शदीप के दो शूटर किसी जघन्य अपराध को अंजाम देने के वास्ते पैसे और अवैध हथियार इकट्ठा करने के लिए रात करीब 11 बजे नोएडा लिंक रोड पर अक्षरधाम मंदिर की ओर आ रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'मयूर विहार इलाके में तैनात एक टीम ने आरोपियों को बाइक पर आते देखा. टीम ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी कर दी. आरोपियों ने पांच गोलियां चलाईं, जिनमें से दो पुलिसकर्मियों की बुलेटप्रूफ जैकेट में लगीं.'' पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जवाबी कार्रवाई में, पुलिस टीम ने छह गोलियां चलाईं. गोलीबारी के दौरान, गोली वीरेंद्र सिंह के दाहिने पैर में लग गई.'
उन्होंने कहा कि मुठभेड़ के बाद दोनों आरोपियों को इलाज के लिए एलबीएस अस्पताल ले जाया गया. पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि राजप्रीत और वीरेंद्र दोनों अर्शदीप के शार्पशूटर थे. आरोपी व्यक्ति उसके नियमित संपर्क में थे और उसके कहने पर वे दिल्ली/एनसीआर में कुछ बड़े आतंकी हमलों और लक्षित हत्याओं को अंजाम देने की योजना बना रहे थे.
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अर्शदीप के भाई की आत्महत्या का 'बदला' लेने के लिए परमजीत सिंह की हत्या कर दी थी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जुलाई में उन्हें उत्तराखंड के हरिद्वार निवासी कविंद्र कुमार पर गोली चलाने का काम सौंपा गया, क्योंकि वह रंगदारी की रकम देने को तैयार नहीं था. उन्होंने बताया कि इन बदमाशों को पंजाब के एक अपराधी नवदीप चट्ठा को खत्म करने का भी निर्देश दिया गया था, जिसे मुक्तसर साहिब की अदालत में उपस्थित होना था.
मोगा के डल्ला गांव का मूल निवासी गैंगस्टर अर्शदीप एनआईए और पंजाब पुलिस को वांछित है. वह अभी कनाडा में है. अधिकारियों के अनुसार, उस पर सीमावर्ती राज्य पंजाब में हुई कई लक्षित हत्याओं में शामिल होने के साथ-साथ पाकिस्तान से लाए जाने के बाद राज्य में आतंकी मॉड्यूल को आरडीएक्स, आईईडी, एके-47 और अन्य हथियारों तथा गोला-बारूद की आपूर्ति करने का भी आरोप है. मई 2022 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. इसी साल जनवरी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उसे आतंकवादी घोषित किया था. अधिकारियों के अनुसार, कई आतंकवादियों और गैंगस्टर के ठिकाने कनाडा में हैं और वे लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या सहित भारत में जघन्य अपराधों में शामिल रहे हैं.
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