कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से 3 मई की रात ऑक्सीजन आपूर्ति ठीक किए जाने के आदेश के बावजूद इस समस्या का अंत कहीं नहीं दिख रहा है. ऊपर से दिल्ली सरकार लगातार कह रही है कि उसे अब भी पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल रही है.
ऑक्सीजन के मुद्दे पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि दिल्ली को अब भी पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि दिल्ली को रविवार को 440 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी, जबकि 590 मीट्रिक टन का कोटा है और इस समय दिल्ली की ऑक्सीजन डिमांड 976 मीट्रिक टन हो गई है. यानी कि डिमांड पहले से भी ज्यादा बढ़ गई है, लेकिन उस अनुपात में सप्लाई अब भी नहीं बढ़ रही है.
पिछले 10 दिनों से देश में ऑक्सीजन संकट शुरू हुआ है. खासकर राजधानी के अस्पताल ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर हांफ रहे हैं. लगभग रोज ही कई अस्पताल इमरजेंसी संदेश जारी कर रहे हैं कि उनके पास ऑक्सीजन खत्म होने वाली है.
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इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मनीष सिसोदिया ने आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को एक चिट्ठी लिखकर दिल्ली की कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सेना की मदद भी मांगी है. उन्होंने रक्षा मंत्रालय से दिल्ली में 10000 ऑक्सीजन युक्त बेड और 1,000 आईसीयू बेड बनाने में मदद मांगी है. साथ ही दुर्गापुर, कलिंगा नगर आदि प्लांटों से टैंकर से जरिए दिल्ली में ऑक्सीजन लाने नें मदद मांगी है. यह मुद्दा आज हाईकोर्ट में उठा है, जिसपर कोर्ट ने केंद्र से प्रतिक्रिया मांगी है. केंद्र के सॉलिसिटर जनरल ने केंद्र से बात करने का आश्वासन दिया है.
आज सुनवाई के दौरान एमिकस ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली के लिए 50MT ऑक्सीजन का बफर स्टॉक बनाया जाए. दिल्ली सरकार ने इसपर कहा कि ये 100 MT होना चाहिए क्योंकि आने वाले दिनों में 976 MT ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी.