LIVE: 'दिल्ली कूच' कर रहे किसान दलित प्रेरणा स्थल पर डटे, यहां जानिए क्या है ट्रैफिक का हाल

किसानों के महाजुटान को देखते हुए मंगलवार को भी ट्रैफिक व्यवस्था पर असर की आशंका है. हालांकि किसानों ने अगले एक सप्ताह के लिए अपने आंदोलन को टाल दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली कूच कर रहे किसानों ने अगले एक सप्ताह के लिए अपने आंदोलन पर ब्रेक लगा दिया है. इस दौरान किसान दलित प्रेरणा स्थल पर डटे रहेंगे. किसानों ने कहा कि अगर सात दिनों के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे फिर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे.  हालांकि किसानों के आंदोलन के कारण नौएडा में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी. यातायात अवरूद्ध हो जाने के कारण दिल्ली-नोएडा सीमा (Delhi-Noida border) से गुजरने वाले यात्रियों को असुविधा हुई. किसानों के महाजुटान को देखते हुए मंगलवार को भी ट्रैफिक व्यवस्था पर असर की आशंका है. हालांकि मंगलवार को किसान सड़क पर नहीं उतरेंगे.

किसानों के जमावड़े को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रशासन की तरफ से जगह-जगह पर बैरिकेडिंग की गई है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके.  बैरिकेडिंग के कारण ट्रैफिक व्यवस्था पर असर देखने को मिल रहा है.  

नौएडा से दिल्ली जाने वाले लोगों को हो सकती है परेशानी
नौएडा से दिल्ली और दिल्ली से नौएडा जाने वालों को किसानों के जमावड़ा के कारण परेशानी हो सकती है.  ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर प्रशासन की तरफ से काफी व्यवस्था की गयी है. हालांकि सुबह के समय लोगों को परेशानी हो सकती है.  किसी भी तरह की असुविधा होने पर यातायात पुलिस की तरफ से हेल्प लाइन नंबर 9971009001 जारी किया गया है.

Advertisement
  • चिल्ला बॉर्डर (Chilla Border) से ग्रेटर-नोएडा की ओर जाने वाले वाहन सेक्टर 14 ए फ्लाई ओवर से गोलचक्कर चौक सेक्टर 15 होकर संदीप पेपर मिल चौक, झुंडपुरा चौक से गंतव्य की ओर जाएंगे. 
  • ग्रेटर नोएडा से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन हाजीपुर अंडरपास से कालिंदी कुंज की ओर तथा सेक्टर 51 से सेक्टर 60 से मॉडल टाउन होकर निकल सकते हैं. 
  • पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से उतरकर सिरसा, परीचौक होकर दिल्ली जाने वाला यातायात सिरसा पर न उतरकर दादरी, डासना होकर निकल सकते हैं. 

किसान संगठनों ने क्या कहा?
बारह किसान संघों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में कहा कि किसानों ने अधिकारियों से यह आश्वासन मिलने के बाद कि उप्र के मुख्य सचिव उनकी मांगों पर चर्चा करने और उनका समाधान करने के लिए बैठक करेंगे, फिलहाल दलित प्रेरणा स्थल पर ही रहने का फैसला किया है. बयान में कहा गया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, आंदोलन जारी रहेगा.  

ये भी पढ़ें:-

'शांतिपूर्ण विरोध करें, लेकिन लोगों को असुविधा ना पहुंचाएं': किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

Featured Video Of The Day
Maharashtra में Devendra Fadnavis को तीसरी बार राज्य की कमान मिली लेकिन Eknath Shinde का क्या होगा
Topics mentioned in this article