- दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में बढ़ते प्रदूषण के कारण ग्रैप नियमों को सख्त कर वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई है
- NCR के सार्वजनिक और निजी कार्यालयों में कर्मचारियों को 50% उपस्थिति और शेष घर से काम करने की अनुमति दी गई है
- शनिवार को दिल्ली के कई इलाकों में AQI इंडेक्स 400 से ऊपर पहुंचकर गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर दिया है
Work From Home in Delhi NCR: दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रैप की पाबंदियों को और सख्त कर दिया गया है. इसमें वर्क फ्रॉम होम की भी सलाह दी गई है. एनसीआर राज्य सरकारें/जीएनसीटीडी सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी ऑफिसों को 50% कर्मचारियों के साथ और शेष कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की अनुमति देने पर निर्णय लेने की अनुमति है. केंद्र सरकार, केंद्र सरकार के ऑफिसों में कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की अनुमति देने पर फैसला कर सकती हैं. दिल्ली एनसीआर में शनिवार को एक्यूआई लेवल कई इलाकों में 400 के पार पहुंच गया है, जो बेहद गंभीर स्थिति है.
'खराब', 'बहुत खराब' और 'गंभीर' AQI कैटेगरी के लिए, जो अभी ग्रैप स्टेज IV में हैं, ग्रैप स्टेज III के तहत ये कदम उठाए जाएंगे, जिनमें वर्क फ्रॉम होम भी शामिल है.
GRAP 1 में क्या नियम
1. बिजली आपूर्ति में कोई कटौती न हो, ताकि डीजल जनरेटर का इस्तेमाल जरूरत न पड़े.
2. ट्रैफिक व्यवस्था सही रहे, ताकि चौराहों और अन्य जगहों पर जाम न लगे.
3. न्यूजपेपर, टीवी, रेडियो आदि में वायु प्रदूषण के दौरान क्या करें क्या न करें को लेकर जागरूकता फैलाएं.
4. सीएनजी, इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं के फेरे बढ़ाएं जाएं, ताकि पेट्रोल और डीजल वाहनों का इस्तेमाल कम हो.
GRAP 2 में क्या नियम
1. केंद्रशासित प्रदेश और एनसीआर की सरकारें यानी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों की सरकारें एनसीआर के जिलों में अपने कर्मचारियों के लिए ऑफिस टाइमिंग को बदलें, इसमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा शामिल हैं.
2. राज्य सरकारें सरकारी विभागों और नगर निकायों की ऑफिस टाइम में बदलाव करें
3. केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अपने कर्मचारियों के लिए टाइमिंग में बदलाव करें.
GRAP Stage III में ग्रैप 4 के कुछ प्रावधान
1. एनसीआर के तहत आने वाली राज्य सरकारें और दिल्ली की सरकारें सरकारी, नगर निकायों और प्राइवेट ऑफिसों में 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम का आदेश लागू कर सकती हैं.
2. केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम का फैसला ले सकती हैं
दिल्ली की हवा हुई बेहद 'जहरीली'
शनिवार सुबह जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अधिकांश मॉनिटरिंग स्टेशनों पर एक्यूआई 300 से 430 के बीच रिकॉर्ड किया गया, जबकि नोएडा और गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर इससे भी अधिक खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया. कई स्थानों पर एक्यूआई 450 के पार दर्ज किया गया, इनमें गाजियाबाद का लोनी इलाका शामिल है. इस प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में गंभीर दिक्कतें और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ गई हैं. दिल्ली के आरके पुरम में एक्यूआई 372, रोहिणी में 412, विवेक विहार में 424, वज़ीरपुर में 427, सोनिया विहार में 369, श्री अरबिंदो मार्ग पर 305 और आनंद विहार में 420 मापा गया। शादिपुर का एक्यूआई 298 रहा, जो अन्य इलाकों की तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन फिर भी ‘बहुत खराब' श्रेणी में है. नोएडा की हालत और खराब है। सेक्टर 125 में एक्यूआई 430, सेक्टर 1 में 396, जबकि सेक्टर 62 में 343 दर्ज किया गया। कई क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है.
बच्चों-बुजुर्गों को ज्यादा खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण का यह स्तर लंबे समय तक रहने पर दमा, फेफड़ों की बीमारी, दिल की समस्या और बच्चों-बुजुर्गों को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. डॉक्टरों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि सुबह और देर शाम खुली हवा में घूमने से बचें, घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें। प्रदूषण नियंत्रण विशेषज्ञों का मानना है कि हवा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट के पीछे वाहनों का प्रदूषण, निर्माण कार्य, औद्योगिक धुआं, कूड़ा जलाना और मौसम में नमी जैसी वजहें प्रमुख हैं. ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषक जमीन के नजदीक जमा हो रहे हैं जिसके चलते एक्यूआई तेजी से बढ़ रहा है. दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन ने वायु आपात स्थिति से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने के संकेत दिए हैं. निर्माण कार्यों को सीमित करने, स्मॉग टावर सक्रिय रखने और सड़कों पर पानी का छिड़काव तेज करने पर जोर दिया गया है.
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