चंपावत से पिथौरागढ़ तक उत्तराखंड के 8 जिलों में रेड अलर्ट, मंडी में हाईवे जाम, दिल्ली-NCR में बारिश से राहत

दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून की बारिश ने गर्मी और उमस से राहत दी है, मगर पहाड़ी राज्यों में यह आफत बनकर बरस रही है. राजधानी में जहां बदले मौसम ने लोगों को सुकून दिया, वहीं हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने तबाही मचाई.

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  • दिल्ली-एनसीआर में बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से दी राहत
  • हिमाचल के मंडी में बारिश से भूस्खलन, बाढ़ के कारण कई घरों में मलबा घुसा
  • उत्तराखंड के कई जिलों में अगले 24 घंटे भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.
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नई दिल्ली/शिमला/देहरादून:

दिल्ली-एनसीआर समेत लगभग पूरे उत्तर भारत में मॉनसून की बारिश ने लोगों को चिलचिलाती गर्मी और चिपचिपी उमस से राहत दी, वहीं पहाड़ी राज्यों में आसमान से बारिश आफत बनकर बरस रही है. जहां एक ओर राजधानी में मौसम के बदले मिजाज ने लोगों को खुश कर दिया है तो दूसरी ओर हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बेरहम मौसम की मार झेल रहे हैं. कहीं झील का जलस्तर खतरा बना, कहीं भूस्खलन से रास्ते बंद हो गए, और कहीं अचानक आई बाढ़ ने लोगों को घरों में कैद कर दिया. कुछ जगहों पर बादल फटने से खतरनाक तबाही मची.

उत्तराखंड में अगले 24 घंटे का अलर्ट

उत्तराखंड के मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका जताई गई है. उत्तरकाशी जिले की हर्षिल घाटी में 5 अगस्त को आए सैलाब के बाद धाराली गांव के पास बनी कृत्रिम झील का जलस्तर अब घटने लगा है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल विद्युत निगम और सिंचाई विभाग की टीमों ने झील को नियंत्रित तरीके से खाली करने पंक्चर किया है, ताकि झील का पानी निकल सके और बाढ़ के संभावित खतरे को टाला जा सकें. यह झील करीब 15 फीट गहरी थी और निचले इलाकों के लिए खतरा बनी हुई थी.

दिल्ली के मौसम का हाल

दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ और लो प्रेशर एरिया बन रहा है, जिसका असर दिल्ली-एनसीआर पर पड़ सकता है. बीते 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश नोएडा में हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई है, हालांकि, उमस अभी भी बनी हुई है. अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 23 से 26 डिग्री के बीच रहेगा. दिनभर बादल भी छाए रहेंगे और 30 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. मौसम विभाग ने 23 अगस्त तक दिल्ली-एनसीआर में रुक-रुक कर बारिश जारी रहने की संभावना जताई है.

हिमाचल में बारिश से मंडी में तबाही

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में शनिवार रात से हो रही तेज बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. पनारसा, टकोली और नागवैन इलाकों में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से कई घरों में मलबा घुस गया. हालांकि, इस दौरान एक राहत की बात ये रही कि प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में बचाव टीमें तैनात कर दी हैं और लोगों को नदियों-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है. कीरतपुर-मनाली नेशनल हाईवे जलभराव के कारण अवरुद्ध हो गया है. जोगनी माता मंदिर के पास भारी भूस्खलन से यातायात बाधित है. शालनाल नदी के उफान पर आने से एक दफ्तर की चारदीवारी ढह गई, लेकिन कर्मचारी सुरक्षित बच गए.

हिमाचल प्रदेश में आज 2 जिलो में भारी बारिश का येलो अलर्ट

हिमाचल प्रदेश मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को चम्बा व कांगड़ा जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। मंगलवार व बुधवार को किसी भी प्रकार का अलर्ट जारी नहीं किया गया है, फिर 21 अगस्त से फिर से यैलो अलर्ट जारी किया गया है. रविवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई, जिसमें धौलाकुंआ में सर्वाधिक 104.5, नाहन में 30, शिमला व मनाली में 10-10, सुंदरनगर में 6, भुंतर में 3, धर्मशाला में 6.4, सोलन में 5, कांगड़ा में 3, मंडी में 2, बिलासपुर में 0.5, चम्बा में 1, जुब्बड़हट्टी में 2, कुफरी में 13.5, नारकंडा में 4.5, सेओबाग में 1, नेरी में 1.5, बजौरा में 1 मिलीमीटर वर्षा हुई. जबकि कल्पा में बूंदाबांदी हुई. इससे पूर्व शनिवार रात को मंडी जिला के कटौला में सर्वाधिक 12, कांगड़ा में 11, नगरोटा सूरियां में 11, नाहन में 10, जोगिंद्रनगर में 8, पांवटा में 7, भुंतर में 6, पालमपुर में 6, गुलरे में 6, कसोल में 5, सुजानपुर टिहरा में 4 सैंटीमीटर वर्षा हुई. राजधानी शिमला में दिन में बारिश के बाद शाम को धूप खिली.

जम्मू-कश्मीर में भी मौसम की मार

कठुआ जिले में रविवार तड़के बादल फटने और भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में पांच बच्चों समेत चार परिवारों के सात सदस्यों की मौत हो गई. वहीं किश्तवाड़ में बड़े पैमाने पर बादल फटने के बाद अस्पताल में कुल 75 मरीजों को भर्ती कराया गया और उनमें से एक की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि 4 अन्य की हालत 'गंभीर' बनी हुई है. मचैल माता मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले गांव चिसोटी में 14 अगस्त को बादल फटने से 61 लोगों की मौत हो गयी थी, जिनमें से अधिकतर श्रद्धालु थे. इस घटना में 100 से अधिक लोग घायल हो गए और 50 अन्य लापता हो गए. आंकड़ों के अनुसार, जीएमसी ने 75 में से 24 मरीजों का ऑपरेशन किया और उनमें से एक की 16 अगस्त को मृत्यु हो गई.

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