सैटेलाइट की नज़रों से बचने के लिए इस वक्त पराली जला रहे हैं पंजाब-हरियाणा के किसान

दिल्ली-NCR की हवा और जहरीली होती जा रही है. सांस लेना दूभर होता जा रहा है. हर साल की तरह इस साल भी सरकारें पराली जलाने की घटनाओं पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रही हैं.

Advertisement
Read Time: 20 mins

इतने गंभीर प्रदूषण के बावजूद पराली लगने की घटनाएं लगातार हो रही है.... (फाइल फोटो)

Delhi-NCR Pollution: पंजाब और हरियाणा में किसान सैटेलाइट की नजरों से बचने के लिए रात में पराली जला रहे हैं और स्थानीय अधिकारी पराली की घटनाओं पर काबू पाने के लिए ओवरटाइम कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली-NCR की हवा और जहरीली होती जा रही है. आधिकारिक डाटा के मुताबिक- इस साल खेतों में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं. इस साल 15 सितंबर से 7 नवंबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की करीब 21000  घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट है.  हालांकि धान उगाने वाले किसानों की संख्या के मुकाबले ये काफी कम है. उदाहरण के लिए पंजाब के लुधियाना में 56000 से अधिक किसानों ने धान कटाई की, लेकिन पराली जलने की 1000 से भी कम घटनाओं की सूचना मिली. इससे पता चलता है कि पराली जलाने की कई घटनाओं का पता ही नहीं चल पा रहा है. 

रात 8 बजे के बाद लगा रहे पराली में आग

ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पराली जलाने की घटनाओं की गिनती को रात 8 बजे तक अपडेट करना होता है. इस खामी से वाकिफ किसान रात 8 बजे के बाद खेतों में आग लगा रहे हैं. हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं का पता लगाने के लिए हरियाणा स्पेस एप्लिकेशन सेंटर की सैटेलाइट इमेजिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन ये इमेजिंग 24 घंटे नहीं होती. HARSAC के निदेशक डॉ सुल्तान सिंह ने द ट्रिब्यून को दिए इंटरव्यू में बताया कि सैटेलाइट इमेजिंग 12 घंटे के अंतराल पर की गई.  आग लगने की घटनाओं की सही जानकारी नहीं मिल पा रही.

किसानों ने दिया ये तर्क

रिपोर्ट्स के मुताबिक- हरियाणा में किसानों के एक वर्ग का मानना है कि रात में पराली जलाने से किसान सैटेलाइट की नजर से बच जाते हैं. इन किसानों का तर्क है कि सैटेलाइट इमेजिंग दरअसल, तापमान के जरिए पता लगाता है, रात में तापमान गिर जाता है, जिससे पराली जलाने की घटनाओं की सही जानकारी सैटेलाइट नहीं लगा पाता. हालांकि डॉ सिंह ने इस तर्क को खारिज कर दिया. उन्होंने 'द ट्रिब्यून' को बताया कि सैटेलाइट तापमान में भिन्नता के आधार में आग का पता लगाते हैं, जो कभी भी पता लग सकता है.

Advertisement

पंजाब में कृषि और किसान कल्याण के निदेशक ने अफवाह को बताया निराधार

पंजाब में कृषि और किसान कल्याण के निदेशक जसवंत सिंह ने भी कहा कि यह एक निराधार अफवाह है कि सैटेलाइट इमेजरी रात में खेत में आग लगने की घटनाओं का पता नहीं लगाती. खेत में आग लगने की सभी घटनाओं की जानकारी ना मिलने से डेटा गड़बड़ हो जाता है. इससे रणनीति बनाने में परेशानी होती है, क्योंकि सरकारी अधिकारी डेटा के आधार पर रणनीति को बेहतर बना रहे होते हैं.

Advertisement

आप-बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

पंजाब और दिल्ली में शासन करने वाली आम आदमी पार्टी ने कहा है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में भारी गिरावट आई है और दिल्ली की खराब हवा के लिए बीजेपी शासित यूपी और हरियाणा से आने वाले वाहनों का प्रदूषण जिम्मेदार है, वहीं उलट भाजपा ने पलटवार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर राष्ट्रीय राजधानी को 'धुएं के शहर' में तब्दील करने का आरोप लगाया है.

Advertisement