दिल्ली पुलिस ने मुंडका में एक इमारत में अग्निकांड के मामले में मुख्य आरोपी और इमारत के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में पुलिस दूसरी सरकारी एजेंसियों की भूमिका की जांच भी करेगी. हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अभी तक 8 लोगों की ही पहचान हो पाई है, जबकि 12 लोग घायल हैं.
पुलिस के मुताबिक जिस इमारत में आग लगी, उसके मालिक का नाम मनीष लाकड़ा है. घटना के वक्त मनीष इमारत की छत पर बने अपने फ्लैट में था, लेकिन मदद करने की बजाय वो अपने परिवार के साथ भाग गया. आरोप है कि उसने रिहायसी इलाके में फैक्ट्री चलाने के लिए इमारत को किराये पर दे दिया, जबकि इसके लिए किसी सरकारी एजेंसी से कोई परमिशन नहीं ली.
उधर, तिवारी बंधु, दयाराम तिवारी और अनिल तिवारी की बहादुरी की चर्चा हर कोई कर रहा है. दोनों क्रेन ऑपरेटर हैं. घटना के वक्त दोनों वहां से क्रेन लेकर गुजर रहे थे. जब देखा कि दूसरी मंजिल पर लोग आग के बीच फंसे हैं तो उन्होंने अपनी परवाह न करते हुए क्रेन के बूम से इमारत का शीशा तोड़ा और क्रेन लगाकर 55 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
पुलिस के मुताबिक इस हादसे में मारे गए 27 लोगों में केवल 8 लोगों की पहचान हो पाई है. पुलिस डीएनए टेस्ट के जरिये शवों की पहचान कराएगी. इस मामले में दूसरी सरकारी एजेंसियों जैसे एमडीसी और डीएसआईडीसी की भूमिका की जांच भी दिल्ली पुलिस करेगी.
यह भी पढ़ें:
'फैक्ट्री मालिक का संबंध बीजेपी से', AAP ने मुंडका हादसे को लेकर नगर निगम पर उठाए सवाल
मुंडका अग्निकांड : बिल्डिंग का मालिक गिरफ्तार, हादसे में मोटिवेशनल स्पीकर कैलाश ज्यानी की भी मौत
जानलेवा हादसे का इंतजार कर रही थी मुंडका की इमारत, एक ही रास्ता था और मानकों की धज्जियां उड़ाई गईं
मुंडका आग: 2 भाइयों ने खो दी अपनी 3 बेटियां