बिहार का सबसे लोकप्रिय चार दिवसीय पर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया. देश की राजधानी में छठ पूजा की तैयारियों में केजरीवाल सरकार जुटी है. दिल्ली में भव्य रूप से छठ पर्व मनाने के लिए 1000 घाट बनाए गए हैं. साथ ही दिल्ली सरकार ने छठ के अवसर पर रविवार को ‘ड्राई डे' घोषित किया है और शहर में शराब की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है. दिल्ली में छठ पूजा को लेकर चल रही तैयारियों का जायजा आज खुद कैबिनेट मंत्री अतिशी ने लिया. दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि सुविधाओं के साथ सुरक्षा के नजरिए से भी सभी इंतजाम किये जाएं.
कैबिनेट मंत्री अतिशी ने बताया, "हम चाहते हैं कि छठ महापर्व के दौरान लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके लिए सभी अधिकारी ग्राउंड पर उतरे हुए हैं. दिल्ली सरकार लगभग हर इलाके में घाट बनवाती है, ताकि लोगों को पूजा करने के लिए घर से दूर न जाना पड़े. हमारी तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं."
रविवार को ‘ड्राई डे' घोषित
दिल्ली सरकार का मानना है कि छठ पूजा में लोगों को राजधानी से बाहर जाने की जरूरत न पड़े ऐसी सुविधाएं दी जाएं. दिल्ली सरकार ने छठ पर्व के अवसर पर रविवार को ‘ड्राई डे' घोषित किया है और शहर में शराब की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है. आबकारी विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि रविवार को सूर्य षष्ठी (छठ पूजा) के दिन शुष्क दिवस घोषित किया गया है. ऐसे में शराब की सभी दुकानें बंद रहेंगी.
छठ पूजा के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बनाई समितियां
राष्ट्रीय राजधानी में यमुना घाटों पर छठ पूजा के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड में समिति गठित की हैं. महापौर शैली ओबेरॉय ने बताया कि पार्षदों के साथ-साथ स्थानीय स्वंयसेवी भी छठ घाट पर पूजा के दौरान निगरानी में मदद करेंगे. द्वारका के डाबरी में तैयारियों का जायजा लेते हुए ओबेरॉय ने बताया, ''सभी 'आप' पार्षदों ने अलग-अलग वार्डों में स्थानीय स्वंयसेवकों के साथ एक समिति बनाई है ताकि प्रबंधों पर निगरानी और छठ घाटों पर भीड़ को प्रबंधित किया जा सके." अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने 250 वार्ड में छठ पूजा की तैयारियों के लिए एक करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
महापर्व छठ के प्रथम दिन आज प्रातः व्रती अपने परिवार के सदस्यों के साथ राजधानी पटना के समीप से गुजर रही गंगा नदी के विभिन्न घाटों सहित प्रदेश की अन्य नदियों के घाटों व तालाबों के किनारे पहुंचे तथा स्नान एवं सूर्य उपासना के साथ नहाय-खाय की रस्म पूरी की. नहाय-खाय के दौरान व्रती अरवा चावल का भात, चने की दाल, कद्दू की सब्जी तथा धनिया के पत्ते की चटनी का भोग लगाते हैं. सूर्य उपासना के इस पावन पर्व पर नहाय-खाय के अगले दिन यानी शनिवार को व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास रखकर खरना किया जाएगा. खरना में दूध, अरवा चावल व गुड़ से बनी खीर एवं रोटी का भोग लगाया जाता है. खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटों का निर्जला उपावास शुरू हो जाएगा जो कि 19 नवंबर को रविवार की शाम अस्ताचल गामी सूर्य और 20 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा.
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