गजब की है ये मेट्रो ट्रेन! दक्षिण कोरिया से आई, अब तक 6 करोड़ को मंजिल तक पहुंचाया और आज भी है फिट

Delhi Metro : तकनीक के मामले में भी TS#01 समय के साथ खुद को बदलती रही. इसकी उन्नत ब्रेकिंग सिस्टम से ट्रेन अपनी खपत की गई बिजली का करीब 40 प्रतिशत दोबारा पैदा कर लेती है, जिससे पर्यावरण पर पड़ने वाला असर कम होता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • दिल्ली मेट्रो की पहली ट्रेन TS#01 ने साल 2002 में अपनी पहली यात्रा शुरू की और 23 साल बाद भी सेवा दे रही है.
  • शुरू में 4 कोच वाली TS#01 ट्रेन को यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण 2014 में छह और 2023 में आठ कोच किया गया.
  • इस ट्रेन ने अब तक करीब 29 लाख किलोमीटर की दूरी तय की और 6 करोड़ से अधिक यात्रियों को सेवा दी है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

दिसंबर की ठंडी सुबह, साल 2002... दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक का शोर था. लेकिन शहर के नीचे एक नया इतिहास लिखे जाने की तैयारी चल रही थी. उसी सुबह दिल्ली मेट्रो की पहली ट्रेन ने अपनी पहली यात्रा शुरू की. इसी ट्रेन का नाम था - TS#01 तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह ट्रेन 23 साल बाद भी रोजाना यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचा रही होगी.

वक्त के साथ दिल्ली बदली, आबादी बढ़ी और शहर की रफ्तार तेज़ होती गई. लेकिन TS#01 लगातार चलती रही. शुरुआत में यह सिर्फ चार कोच की ट्रेन थी. यात्रियों की संख्या बढ़ी तो 2014 में इसे छह कोच का किया गया और फिर 2023 में आठ कोच की ट्रेन बन गई. TS#01 का यह सफर दरअसल दिल्ली की बढ़ती जरूरतों और बदलते शहर की कहानी भी है.

6 करोड़ से ज़्यादा यात्री इस मेट्रो ट्रेन में सफर कर चुके हैं

इन 23 सालों में TS#01 ने करीब 29 लाख किलोमीटर की दूरी तय की है. इस दौरान 6 करोड़ से ज़्यादा यात्री इस मेट्रो ट्रेन में सफर कर चुके हैं. दफ्तर जाने की जल्दी, स्कूल के बच्चे, बुज़ुर्ग यात्री-हर रोज़ की ज़िंदगी का हिस्सा बनी यह मेट्रो अब तक करीब 24 लाख बार अपने दरवाजे खोल और बंद कर चुकी है.

TS#01 का निर्माण दक्षिण कोरिया में हुआ

इस ट्रेन की कहानी सिर्फ दिल्ली से शुरू नहीं होती. TS#01 का निर्माण दक्षिण कोरिया में हुआ, फिर इसे जहाज के जरिये कोलकाता लाया गया और वहां से भारतीय रेलवे नेटवर्क के जरिए दिल्ली पहुंचाया गया. उस समय चार कोच की इस ट्रेन की लागत करीब 24 करोड़ रुपये थी. लेकिन आज इसकी पहचान आंकड़ों से कहीं आगे निकल चुकी है.

तकनीक के मामले में भी TS#01 समय के साथ खुद को बदलती रही. इसकी उन्नत ब्रेकिंग सिस्टम से ट्रेन अपनी खपत की गई बिजली का करीब 40 प्रतिशत दोबारा पैदा कर लेती है, जिससे पर्यावरण पर पड़ने वाला असर कम होता है.

साल 2024 में TS#01 को एक नई जिंदगी मिली

दिल्ली मेट्रो की मेंटेनेंस टीम ने इस ट्रेन को लगातार संजोकर रखा. दो बड़े ओवरहॉल और समय-समय पर किए गए रखरखाव की वजह से ट्रेन की विश्वसनीयता तय मानकों से बेहतर बनी रही. साल 2024 में TS#01 को एक नई जिंदगी मिली. डिजिटल डिस्प्ले, CCTV कैमरे, इमरजेंसी अलार्म, फायर सेफ्टी सिस्टम, मोबाइल चार्जिंग सॉकेट और नया इंटीरियर.

Advertisement

आज, जब दिल्ली मेट्रो अपने संचालन के 23 साल पूरे कर चुकी है, TS#01 अब भी पटरी पर दौड़ रही है. बिना किसी दिखावे के, रोज़ की तरह यात्रियों को सुरक्षित, समय पर और भरोसे के साथ मंजिल तक पहुंचाती हुई. TS#01 सिर्फ एक ट्रेन नहीं है-यह दिल्ली की रफ्तार, भरोसे और बदलाव की चलती-फिरती कहानी है.

Featured Video Of The Day
Syed Suhail | Bangladesh Violence: Yunus ने लगाई आग, Yogi ने दी वार्निंग! Bharat Ki Baat Batata Hoon